आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन | Adarsh Sahitya Sangh Prakashan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
368
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प.मायांका रहस्य एवं भेद 0100001000৩
६.लोभ का विवेचन एवं भेद. ..:. ~. ६ ...... ४३
... १०. क्रोध आदि की उत्पत्ति के कारणं 5 সু
~ :११. भति की अपेक्लां से कोवादि की अधिकता 28৪ ४३
- १२. नोकपायवेदनीय एवं. नोकबायमोहनीय का स्वरूप एवं भेद . ४३
' १३. जीवमोहनीयकंमं-बंन्ध के कारण... `. এ
१४. मोहनीयकमे का अनुभाव ` ४६
-. १५. महामोहनीयकर्म-बन्ध के. अन्य कारण ४०
- १६. आयुकर्म का स्वरूप एवं भेद ... . ৮
. १७; नरकादि-भागु के वन्घके कारण ` ` .. , ५४
'. . १८. अल्पायु बौर दीर्घायु के वन्ध के कारण ` ५५
„१६. बायुवन्व कार्थं .- .. ``. ५६
२०.आयु वाधते समय आकपं ` - . , ५८
ˆ .२१. मावुपरिणाम का भरथः एवं भेद. , .... .. সুজ
-.२२.आयु वांधनेकासमय 7 , , ` ५६
. ` २.३. सोपक्रम-निरूपक्रम तथा अपवतंनीय-अनपवतेनीय आयु. का .रहुस्य ६०
` २४.वबीच में टूटी हुई मायु के वचे हुए मंशकाभोग्. , ,. ` - ६०
. २५. अपवर्तनीय-अनपवर्तनीय आयु कैसे वंधती है ? 7. ६१
._ २६. अपवर्तंचीयं-अनपवर्तनीय आयु के अधिकारी कौन-कौन ? ` ६२
-... २७ आयुट्टने केकारण. - - ছু
२८. काल के परिवतनानुसारः आयु में हानि-वृद्धि ˆ ` ~... ६२
. २६. साधिक-सौ वषे की आयु में १६६९ वर्ष तक की आयु का समावेश . ६३
'.. ই০-আঘুক্ন কা অনুমান... ` - ০1072 ২.
चौथा पुञ्ज शि
.. : नामके कास्वरूपः .. ` `: “ -.~ „` ` . ६७ /:
: रनामकम की সন্ভবিষাঁ. .. .. ~: ~ , ६९७.
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