हम सब एक पिता के बालक | Ham Sab Ek Pita ke Balak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
298
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाठकसि
भेर क्ूखोका मेहनतसे अष्ययम करतेबासो मौर उममें दिकूअस्पी
উলছাজতি में मइ कशता भाहता हु कि मुझे हमेशा एक हौ ख्पर्मे
दिखाई देनशी कोईं परवाह गही है। उत्पकी अपनी छोबमें मैने बहुतसे
जिजारोको कोडा है थौर अनेक मई बाते में सीखा मी हू। उमरमें मकछे
ही मै बूढा हो गया हू शेकिम मुझे ऐसा लही रूगता कि मेरा आातरिक
विकास होता बन्द हो गया है या बेह छूटतेके बाद मेरा विकास बस्ध
हो जायया | मुझे एक ही बातकी जिन्वा है मौर ह् है प्रतिक्षण
सत्प-तारायबक्ी बाभीका अनुसरणथ करनकी मेरी तत्परठा । इसछिए
जव किसी पाठको मेरे दो कोम निरोप जघ ल्मे ठव अमर स्ये
मेरौ समल्लवारीमे भिषषाषषो तो बह एक हौ विषय पर छिखे हुए दो
জ্বীন से मेरे बावके फ्लेलको प्रमाणमूत माते।
हुरिजसबल्थ ३ -४- 8३ पांधीमौ
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