भूल भुलैया | Bhool Bhulaiya

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Bhool Bhulaiya by श्री सीताराम - Shri Sitaram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहिला अङ्क ও व्यापारी -ते आप कह दीजिये कि हम कराँची से आते हैं, नहीं तो आप का सब घन तुरन्त छिन जायगा। आज ही एक शिरीशनगर का व्यापारी यहाँ पाने के लिये पकड़ा गया है श्रौर उसके पास दण्ड दने के पूरा धन नहीं हैँ इससे वह सूरज्ञ षने से पिले मारा जायगा | यह लीजिए घह रुपया जे! आप ने मुझे रखने के। दिया था। शि० अंत०--डमरू ले और जहाँ हम ভাব ठहरे हैंलेज्ञा। वहाँ हम भी आव्वेंगे । एक घंटे के पीछे खाना खाने का समय होगा तब तक इस नगर के देखेंगे, व्या- पारियों का हाल पूछेंगे और बड़े बड़े मन्दिरों के देखेंगे और तब आके सराय में सो्वेंगे क्योंकि हम यादा करते करते धक गये हैं । शि० ड०--बहुत कछेग आप की बात मोन लेंगे और क्‍यों न मानेंगे रुपया तो पहिले इतना हाथ आगया (बाहर জালা है) । शि० अंत०--एक विश्वासी सेवक है जव में सोच में रहता ओर दुःखी होता हू तो अपनी हंसली सेजी प्रसन्न किया करता है । आप मेरे साथ नगर देखने चलें और जहाँ में ठहर টু चहाँ चलकर मेरे साथ खाना खायें। उ्यापास- जी नहीं, सुम को छमा कीजिए। मुझे कुछ व्यापारियें ले बुलाया है जिनका में चहुत कुछ लाभ कर सकता ১১ ॐ य পি थ पौ हूँ । पाँच च्ज ठीक में आए से मिल्दूगा ओर तब से सेते के समय तक आपके साथ रहूँगा परन्तु इस समय जाने दोजिये |




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