सितारों से आगे | Sitaron Se Aagai

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Sitaron Se Aagai by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सितारों से आगे “रीएक्टर रेडी ? ” “रेडी ।” जुम्मी बोला । “इलेक्ट्रोनिक्स रेडी ? ” नाज़ ने उत्तर दिया, “रेडी ।” शैतान मोहिनी 'श्रपने-प्नाप ही बोल उठी, “सेंडविच भी डी डर उर्फी ने उसे डांट दिया, फिर बोला, “इलेक्ट्रॉनिक्स टु फ्लाई ।”' “दिप मास्टर टु फ्लाई।”' रेडी ? जुम्मी ! स्टार्ट फर्स्ट पम्प ।” जुम्मी ने हैंडल घुमाके पहला पम्प खोला । श्राग की लपटों श्रौर भाप के तूफान में राकेट जहाज़ जीने से श्रलग होकर श्राकाश की श्रोर उड़ने लगा । सैकंड पंप स्टाटं । थर्ड पंप स्टार्ट ! ! फो्े पंप स्टार्ट 1 ! ! . चौथें पंप के खोलने तक राकेट जहाज पृथ्वी की श्राकषंण शक्ति से श्राजाद हो चुका था श्रौर ऊपर के खुले स्थान में उड़ रहा था । यहां से पृथ्वी एक छोटी-सी गेंद थी । श्राकाश का रंग काला था श्रौर दूर-दूर तक वातावरण में सितारे जलते हुए. हंडोलों की तरह भूल रहे थे श्रौर बच्चों का जहाज चांद की श्रोर उड़ा जा रहा था । बच्चों का जहाज़ तीस हज़ार मील प्रति घण्टे की तेज़ी से उड़ा जा रहा था । यहां पर पृथ्वी की श्राकर्षण शक्ति न थी, १७




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