सूफी संतो के जीवन चरित्र | Sufi Santon Ke Jeevan Charitra

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Sufi Santon Ke Jeevan Charitra by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सूफी -सन्त महात्मा नूरी सुफी-सनतो ने जिन रास्तो पर चल कर उस परम तत्व को प्राप्त किया उन रास्तो पर चलने के कोई ऐसे कठिन या शास्त्रोक्त नियम नहीं थे कि जिन पर भक्ति-शक्ति सम्पन्न महात्मा या सन्यासो ही चल सके बल्कि बह घिल्कुल आसान रास्ते थे जिन पर आज भी एक साधारण और ग्रहस्थ मनुष्य भी यदि चलना चाहे तो चल सकंता है। एक महान सुफो- सन्त तपस्या के आरस्भिक काल मे दुकान पर जाते के लिए घर से खाना-लेकर निकलते और ,रास्ते, मे भुखे-गरीबो को खिला देते और दोपहर की नमाज़ पढ कर अपनी दुकान पर जा बैठते । यह काम वह इतना छिप कर करते थ्रे कि किसी: को पता न चलें । यहाँ तक कि यह) कार्य आप लगातार बीस वर्ष तक करते रहे परन्तु कोई नहीं जान पाया और आपके घरवाले भी इस चथिचार मे रहे कि दुकान पर खाना खा लिया: होगा । अब ज़रा विचार कोजिए इस तपस्या मे ऐसी क्या कठिनाई है जो इसे आप त़द्दी कर सकते । खाना आपके पास मौजूद है, भूखे--गरीब मनुष्य भी मौजूद है--आप समय भी है, यदि चाहे तो अपना खाना किसी शभुख को दे दे--कोई शोकने वाला नही है । '




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