भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में आधुनिकता बोध | Bhagwati Charan Verma Ke Upanyaso Me Aadhunikta Bodh
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30.85 MB
कुल पष्ठ :
311
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)से प्रभावित थे-उनके प्रसिद्ध उपन्यास ए स्टडी इन स्कारलेट 1887 डइं0 का उन्होंने गोविन्दराम शीर्षक से 1905 में रूपान्तरित भी किया। इसके अतिरिक्त सर कटी लाश 1900 ई0 चक्करदार चोरी 1901 ई0 जासूस की भूल 1901 ई0 जासूस पर जासूसी 1904 आदि हैं। गहमरी जी अंग्रेजी के जासूसी उपन्यासों से प्रभावित होकर जासूस नामक मासिक पत्र का प्रकाशन किया। इनके उपन्यासों के चरित्र जासूस डॉकू हत्यारे हैं किन्तु साथ ही उनके अधिकाश पात्र सामाजिक हैं। उनके सामाजिक उपन्यासों में चरित्र विकास भी हैं जो अधिकतर घटनाओं के बदलने के लिए ही हुआ है। उनके उपन्यासों के प्रमुख उद्देश्य जगत का भला चतुर होना अवगुणो का त्याण अनरूचि जी लगाना तथा कर्तव्य का बोध इत्यादि है। संक्षेप में वह मनोरंजन के साथ ही लोक व्यवहार-ज्ञान देकर पाठक को शिक्षा भी प्रदान करते हैं। किन्तु उनके उपन्यासों में मनोरंजन की प्रधानता है। मेहता लज्जा राम शर्मा 1863-1931 ई0० लज्जा राम शर्मा के उपन्यासों मे धूर्त रसिक लाल 1889 ई0 स्वतंत्र रमा और परतंत्र लक्ष्मी 1899 ई0 आदर्श दम्पत्ति 1904 ई0 बिगड़े का. सुधार अथवा सती. सुखदेवी 1907 ई0 आदर्श हिन्दू? 1 914ई0 इत्यादि प्रसिद्ध उपन्यासों में हैं। स्वतंत्र रमा और परतत्र लक्ष्मी नामक उपन्यास में रमा और लक्ष्मी नामक दो बहनों में रमा अंग्रेजी शिक्षा से प्रभावित स्वतंत्र जीवन बिताने की आकांक्षा रखती है। लक्ष्मी भारतीय संस्कृति से सरयाबोर प्रतिब्रता नारी का जीवन व्यतीत करती है। लेखक भारतीय संस्कृति की महत्ता को प्रतिपादित कर लक्ष्मी को श्रेष्ठ सिद्ध करता है। यह देखा जाय तो लज्जा-राम शर्मा अपने सारे उपन्यासों के माध्यम से भारतीय सस्कृति को श्रेष्ठ सिद्ध करते हैं। उनके बीस-बाइस उपन्यासों में कुछ तो जीवनी मात्र हैं कुछ अनुवाद मात्र हैं। लज्जा राम शर्मा अपने उपन्यासों का उद्देश्य मनोरंजन और शिक्षा प्रद होना दोनों ही माना है।
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