सन्तकवि दरियाः एक अनुशीलन | Santkavi Dariya Ek Anushilan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
33 MB
कुल पष्ठ :
534
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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साधु चतुरौदास*” बताते हें कि दरिया साहब के पिता पीरन शाह उज्जेन को एक
संज्ञान्त क्षत्रिय थे और उनके पु्र॑ंज बहुत पहले अकसर के निकट जगदीशपुर में राज्य
करते थे। किन्तु सोनपुर मठ के साधु फोजदार दास ने बताया कि पीरन शाह के चार
भाई थे; हीरन शाह, गिरिघर शाह, शाहजादा शाह तथा एक झौर जिसका नाम उन्हें
स्मरण नहीं था। उनके कथनानुसार हीरन के वंशज श्रव रधुनाथपुर (ई० प्राई° भार०)
के निकट चौगाई' में बसते हें। गिरिघर के वंशज इमरांच के राजपरिवार हं तजा
शाहजादा के वंदाज जगदीदापुर सें बस गये थे और इसी बंश मे पीछे चलकर प्रसिद्ध
कुंचर सिह हुए । संभव है, दरिया साहब के দুল उज्जेन के क्षत्रिय रहे हों, पर उनका
संबंध उज्जन-क्षत्रियों के तोन प्रमुख स्थानों--डुमराँव, जगदीदापुर तथा विलीपपुर--
के परिवारों से सिलाना मेरे लिए संभव न हो सका। जगदीशपुर की वंशपरम्परा में
दाहजावा सिह कौ नास भ्राता तो प्रवय हः पर यह कुंवर सिह को पिता थे तथा
इनकी मृत्यु ई० सन् १८४३० (सं १८८७) में हुई। अतः ये दरिया साहब को चाचा
हो ही नहीं सकते, क्योंकि स्वयं दरिया साहुब का जन्म ई० सन् १६७४ (सं० १७३१)
में हुआ था। बाद को साधु चतुरीदास ने बताया है कि वरिया के निकटतस पृव्ज
राजपुर फे निवासी थे।** उनकी दी हुई वंशावली नीचे वौ जाती ह° --
रणजीत রা सिह
রাহানে काया इन्दशामकासाकामुत
| | |
सुरतचनर सिह शिवसंगल सिह कृष्णदेवकुमार सिह
सुमेर | सिह
ঘুখ্ইন सिह उर्फ पूरनशाह
গজ
01771 ১১১
হত্যা - बस्ती हि को (फकीर ) उजियार बुद्धिम (बहन)
२५. ज्ञानदीपकः की भूमिका मे ।
२६. साधु रामब्रत दास के श्रनुसार हेंठआ राजपुर जो धरकन्धा से ५ कोस पर
है, दरिया का पैतृक स्थान हो सकता है । श्रब भी दरिया के वंदजों का
कुछ सम्बन्ध वहाँ पड़ता हैं ।
२७. साधु चतुरीदास का दाहना है कि यह वंशावली मिति ३० भ्रगहन सं० १८४८१ के एक
कागज से ली गई है। मेंने प्रतिलिपि तो देखी, पर मूलपत्र नहीं देखा है ।
२८- मूर्तिउखाड' में तेग बहादुर को उनका भाई बताया गया है । संभवतः बे
चचेरे या मौसेरे भाई रहें हों ।
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