महात्मा जोतिबा फुले - रचनावली | Mahatma Jotiba Phule Rachanavali 1

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Mahatma Jotiba Phule Rachanavali 1 by डॉ.एल.जी. मेश्राम 'विमलकीर्ति' - Dr L.G. Meshram 'vimalkirti'

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्त्री नसीब से नहीं तो और किससे मरा है? आपको ढेर सारी भिक्षा नहीं दी इसलिए मर गया ? जोशी मामूली भी क्यों न हो लेकिन वह हमारे समाधान के लायक तो होनी ही चाहिए स्त्री उसने आपके समाधान के लायक दिया होता तो क्या आप उसके बेटे को बचा देते ? जोशी क्या इसमें भी संदेह है ? यदि उसने मेरा समाधान किया होता तो मैं उस बच्चे की सारी अल-बलाओं को दूर कर दिया होता और क्‍या ह अब तक पुत्रवती नहीं हुई होती ? विदूषक सभी लोगों की ओर हाथ दिखाते हुए जोशी हमारे बच्चों को क्यों मरने देते हैं यह बात तुम उनसे ही पुछो । स्त्री उसके बच्चे पर कौन-सी बला थी इसके बारे में मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है आप ही क्यों नहीं बताते ? जोशी क्या तुमको ग्रहों की बला मालूम नहीं ? बहन महादेव जैसे भगवान को भी डर के मारे पानी में डुबकी लगाकर छुपना पड़ा था । उनकी लपट-झपट से कौन बचा है विदूषक सभी लोगों की ओर हाथ दिखाते हुए महादेव सचमुच ही भोन हैं । इसलिए उन्होंने जोशी की बात सुनी और ग्रहों से डर गए । स्त्री डरते हुए तो क्या वे मुझपर बला डालना चाहते हैं ? जोशी तेरे को तो नहीं कितु तेरे होनेवाने बेटे के मूल पर वे नजर रखे हुए हैं। मैं कह नहीं सकता वे उसका अंत कंसे करेंगे विदूषक यदि जोशी लोगों को मौत से बचा सकते हैं तो अंग्रेज सरकार को सारी दवाएं इलाज एक ओर रख देना चाहिए सारे अस्पतान बंद कर देने चाहिए और वह सारा काम जोशी को सौंप देना चाहिए कि नही ? स्त्री बहुत घबराए हुए हाथ की भिक्षा खड़े-खड़े सुप में डालकर हाथ जोड़कर बड़े दयनीय स्वर में कहती है महाराज इसके लिए कुछ इलाज हो तो बताइए । 14 / जोतिबा फुल रचनावली




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