कल्याण नारी अंक | Kalyan Nari Ank

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Kalyan Nari Ank by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ८) पृष्ठ-संख्या २६५-सती भगवती * ५९२ २६६-सती सारन्धा “ ५९२ २६७-सती रूपकुमारी * ५९५ २६८ पतिव्रता राजवारा ˆ** ५९६ २६९-सती नील्देवी ° ५९७ २७ ०~वीराङ्गना सुन्दरां ** ५९८ २७१-वीरकन्या तानकुँवरि *** * ६०० २७२-वीर-माता देवलदेबी ( श्रौद्येचनप्रसादजी पाण्डेय ) *** ६०१ २७३-वीराज्जना रूपाली ६०३ २७४-सती कमलादेवी * ६०४ २७५-सती जसमा “ˆ~ ६०५ २७६-रानी साइबकुँवरि *** ६०६ २७७-पतित्रता लक्ष्मीबाई ˆ ६०७ २७८-मक्त धनुर्दासकी पत्नी “** ६१० २७ ९-सती बेहुला ˆ ६११ २८०-देवी पद्मावती “ ६१२ २८ १-सती नागमती “ ६१३ २८२-वीराङ्गना रानी करवती ** ६१५ २८३-सती मारू # “ ६१५ २८४-सती विकोई *** ६१६ २८५-सती जासल *** ছং৫ २८६-पतिप्राणा अन्नपूर्णा * ६१९ २८७-पृजनीया श्रीविष्णुप्रिया देवी *** ६२१ २८८-रानी सीता * &२२ २८९-राजरानी मीरा (भीरामलाखजीः बी ০) * ६२४ २९ ०-श्रीमती रस्नावतीजी * ६२६ २९१-श्रीकर्मावाईं ** ६२७ २९२-करमेतीबाई - ६२८ २९ ३--सुरसरी * ६३० २९४-वैराग्यमयी बाँका * ६३० २९५--भ्रीरतिवन्तीजी * ६३२ २९६-लीलवती দই २९७-श्रीनिर्मलादेवी * ६३४ ३९८-दयांवती दयांबाई * ६३४ २९९-भक्तिमती श्रीहरदेवी ˆ ६३५ २० ०-श्द्धामृतिं कस्याणी * ६३७ ३०१-भक्त दामोदरकी भक्त पत्नी * ६४० पृष्ठ-संख्यां ३०२-भक्त शान्तोबाकी सती धर्मपत्नी * ६४१ ३०३-श्रीगणेशदेई रानी * ६४३ ३०४-सालबेगकी माता * ६४४ ३०५-तपस्विनी गौरीबाई “ ६४५ ३ ०६-भीरत्नावलीजी “ ६४६ ३०७-एकं भक्तिमती विधवा ˆ“ * * ६४७ ३०८-राजमाता जीजावराई “° *** ৪৮৫ ३०९ - महाराष्ट्रकी वीराज्नना--ताराबाई * ६४९ ३१०-मलयबाई देसाई * ६५१ ३११-पतित्रता ताईबाई * ६५२ ३१२-साध्वी सखूबाई * ६५३ ३१३-सती बहिणाबाई * ६५४ ३१४-परमयोगिनी मुक्ताबाई *** * ६५६ ३१५-जनाबाई গা * ६५७ ३१६-सहजों और दया এ *** ६५८ ३१७-चारणी नागछ और मीणल ( पं० श्रीमंगलजी ভজন হাজী; “साहित्यालड्ारः ) ” ६५८ ३१८-साइ नेहड़ी ˆ ६६० ३१ ९-चारणी कामवाईं * ६६२ ३२०-जगदम्बा श्रीकरणीदेवी ` ˆ ˆ ˆ ६६२ ३२१-पवित्र गणिका ६६३ ३ २२-वेदया सुमध्या * ६६४ ३२३-गणिकाका रत्नमुकुट * ६६६ २२४-कान्हू पात्रा ” ६६६ ३२५-वेश्या चिन्तामणि ** ६६८ ३२६-सती रूपमती “ ६६९ ३२७-भीरामजनीजी * ६७१ ३ २८- महारानी जिन्दा * ६७२ ३२९-देवी अमरो * ६७३ ३३०-देवी साहेबकुँवर “ ६७३ ३३१-देवी शरणकुंबर *** ছওই ३३२-विदुपी छलीलावती * ६७४ ३३३-सती खना * ६७४ ३३४-भडली * ६७५ ३१५-दक्षिणके नारी-पश्चरत्न--श्रीमती औवैयारः श्रीमती पुनीतवतीः श्रीमती मद्लैय#रशि; श्रीमती तिलकवतियार, श्रीमती आंडाल (श्री १००८ श्रीकाश्चीकमकोरिपीठाधीश्वर भीभी-




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