नन्दीसूत्र | Nandi Sutra

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : नन्दीसूत्र  - Nandi Sutra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कमला जैन - Kamala Jain

Add Infomation AboutKamala Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
विषयों का भी समावेश किया है। तथापि यह स्वीकार करने मे मुझे सकोच नहीं कि ग्राचायंश्री के प्रनुबाद को देखे बिना प्रस्तुत सस्करण को तेयार करने का कार्य मेरे लिए अत्यन्त कठिन होता । साथ ही भ्रपनी सुविनीत शिष्याभ्रो तथा श्रीकमला जेन “जीजी' णम० ए० का सहयोग भी इस कार्य में सहायक हुआ है । पडितप्रवर श्री विजयमुनिजी মণ शास्त्री ने विद्रत्तापूणं प्रस्तावना लिख कर प्रस्तुत सस्करण की उपादेयता में वृद्धि की है। इन सभी के योगदान क॑ लिए मैं झ्नाभारी हूँ । अन्त में एक बात भ्रौर-- गच्छत स्खलन क्वापि भवत्येव प्रमादत । चलते-चलते असावधानी के कारण कही न कही चूक हो ही जाती है। इस तीति के प्नुसार स्खलना की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। इसके लिए मैं क्षमाभ्यर्थी हें । सुश एवं सहृदय पाठक यथोचित सुधार कर पढेंगे, ऐसी भाश दै । [1 जेनसाष्वो उसरावकु वर “अर्थना [१६ ]




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now