स्वातन्त्रयोत्तर हिन्दी कविता में लोक-संवेदना | Swatantrayottar Hindi Kavita Mein Lok-Sanvedna

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : स्वातन्त्रयोत्तर हिन्दी कविता में लोक-संवेदना - Swatantrayottar Hindi Kavita Mein Lok-Sanvedna

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मालती तिवारी - Malti Tiwari

Add Infomation AboutMalti Tiwari

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ध ठे। यदि करणः व्युत्पत्ति से अर्थं करे तो अर्थं होगा- लोक्यते अनेन इतिलोकः अर्थात्‌ जिसकं दारा देखा जाय। तौ यह ससार मनुष्यो के द्वारा देखा जाता है। अत लोक का अर्थ “मनुष्य” हुआ और “अधिकरण व्युत्पत्ति से अर्थ करने पर (लोकते अस्मिन्‌ इति রা লে लोक अर्थात्‌ जिसमे रहकर हम ठेखते है। इस अर्थ मे ससारः या “भुवन” अर्थ की सिद्धि होती है। अमरकोश मे भी लोकः शब्द “भुवनः व “जनः (मनुष्य) दोनो अर्थो मे बताया गया है। (लोकस्तु भुवने जने” ।ॐ हेमः कोश भी इसी अर्थं का समर्थक है।2> महावेयाकरण पाणिनि बडे ही स्पष्ट शब्दो मे अलग-अलग लोकः ओर वेदः की चर्चा करते हे। इनका लोक” शब्द स्पष्टत वेद (ज्ञानी जनो) से इतर 'जन-सामान्यः अर्थ का द्योतक है। अनेक शब्दो की व्युत्पत्ति बताते हुए उन्होने कई स्थलो पर कटा है कि वेद मे अमुक शब्द का अर्थं अलग हैव लोक मे अलग। “लोक सर्वं लोकाट्ठञ्‌ सूत्र मे पाणिनि ने लोक शब्द का अर्थ स्पष्ट किया हे। इनके अनुसार “लोके विदित लौकिक “^ अर्थात्‌ जो लोक मे विदित हो वह लौकिक ই। लोक मे विदित का तात्पर्य है-जों लोक मे रहने वाले मनुष्यो के द्वारा ज्ञात र्हो। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती हे कि लोकः शब्द मनुष्य या जन-सामान्य अर्थ मे प्रयुक्त हुआ है। इन सारे तथ्यो को देखने से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि सम्पूर्णं सस्कृत - साहित्य मे (लोकः शब्द विविध अर्थो का वाहक होते हुए भी मुख्यत तीन अर्था मे प्रयुक्त हुआ है- ससार, मनुष्य व सामान्य जन । वेदिक-सस्कृत के साहित्यमे'जन-सामान्य ” अर्थ वुरछेक स्थानो पर ही स्पष्ट खूप मे मिलता हे, पर लौकिक सस्कृत के साहित्य मे बहुधा लोकः का अर्थं (जन-सामान्य' दरष्टिगत होता है! वस्तुत जर्हो “मनुष्यः अर्थ मे लोकः शब्द प्रयुक्त है, वर्ह भी केक स्थलो को छोडकर गहराई से उन सन्दभौ पर विचार करने पर स्पष्ट प्रतीतु होने लगता है कि वहाँ लोकः शब्द सम्पूर्णं मानव के लिए नहीं वरन्‌ (साधारण मनुष्यो के लिए हे।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now