हिन्दी साहित्य का सुगम इतिहास | Hindi Sahitya Ka Soogam Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
89
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ हिन्दी-साहित्य का सुगम इतिहास
राम-भक्ति भावना के रूप में श्री रामचन्द्र जी के प्रति भक्ति
ग्रपित की गई है | श्री रामानुजाचार्य राम-भक्ति भावना के प्रेरक हैं।
हिन्दी याद्त्य में जिन कवियों ने राम-भक्िति भावना को काव्य के सूत्र
में गू था है, उन्हें राम-मक्ति द्ाखा के कवि कहते हैं ।
श्रो कृष्ण-भक्तित भावना के रूप में श्रोक्ृष्ण के प्रति प्रेम और
श्रद्धा प्रगट की गई है। श्रीवल्लभाचाय जी के द्वारा श्रोकृष्ण-भक्ति
पल्लवित मरौर पुष्पित हुई है। जिन कवियों ने श्रीक्ृष्ण-भक्ित में
विभोर होकर रचनाएँ की हैं, उन्हें हिन्दी साहित्य के इतिहास में
श्रीकृष्ण-भक्ति शाखा के कवि कहते हैं ।
भक्ति-भावनाग्रों के श्राधार पर लिखी गई रचनाझ्रों के इतिहास
को ठीक-ठीक समभने के लिए निम्नांकित चित्र से भी सहायता ली जा
सकती है--
भक्तिकाल
५ „ | |
निग णोपासक सगरुणोपासकं
| |
५ | |
ज्ञान-मार्गी प्र म-मार्गी |
शाखा शाखा रामभक्ति कृष्णभक्त
शाखा शाखा
ज्ञान-मार्गो शाखा
ज्ञान-मार्गी शाखा में ज्ञान की प्रधानता है। वह ज्ञान एक अलौ-
किक ज्ञान है। उसमे हिन्दुभ्रों के उपनिषद्, ब्रह्मवाद, सूफियों के रहस्य-
वाद ক্সীহ मुसलमानों के एकेश्वरवाद की पूणं भलक मिलती है । वह्
ज्ञान मनुष्य और मनुष्य के बीच की खाई की ढहाता है, और लोगों
को आपस में एक-दूसरे के निक्रट ले जाता है ।
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