धम्मो सुद्धस्स चिट्ठइ | Dhammo Suddhass Chitthai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
816
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(४)
का सत-समागम १५३, और कोई होगी १५५, व्याख्यान में पत्थर १५५, भगवान् को
अपराधी १५६, चिन्ता का निराकरण १५६, एक स्गिनी की माण १५७, सफल
प्रवात १५७ ।
अध्याय ६ : बृद्धावस्था पृष्ठ १४८-१६२
विहार स्थगत प्रृ० १५८, तपस्या से अमिरुचि १४८, दर्शनार्थियों का आगमन १५६,
अन्तिम शिक्षा १६०, आात्मालोचत १६०, फिर राजमंगर में १६०, सागारिक अनशन १६०,
महाप्रयाण १६१, महाराणा का आग्रह १६१ ।
अध्याय १० : ज्ञातव्य विवरण पृष्ठ १६३-१६४
महत्त्वपूर्ण वर्ष 7० १६३, महत्त्वपूर्ण स्थान १६३, आयुष्य विवरण १६३, विहार
क्षेत्र १६३, चातुर्मास १६३, शिष्य-सम्पदा १६४।
चतुर्थ परिच्छेद .
(आचा श्र रायचन्दजी १६५-१९०)
अध्याय १: गृहि-जीवन पृष्ठ १६७-१६८
सम्प धर पृण १६७, धमं का प्रवेश १६७, विरागभाव १६७, स्वामीनी का
आगमन १६८ ।
अध्याय २: साधु-जीवन ; पृष्ठ १६६-१७१
सयम-ग्रहुण पृ० १६९, भविष्यवाणी १६९ ब्रह्मचारी कह रहा है १६९, म मोह क्यो
कहं ? १७०, आआगम-क्ञन १७०, सरस व्याख्यान-दाता १७०; निपुण सहयोगी १७१।
अध्याय ३: उत्तराधिकार-प्राप्ति पृष्ठ १७२-१७६
अनेक योग्य व्यक्ति पृ० १७२, परामर्श १७२, दो नाम १७३, पद-समपंण १७४।
अध्याय ४ : प्रभावशाली आचाय पष्ठ १७७-१८२्
अनुमवी पृण १७७, तपस्या प्रेरकं १७७, तमाखू पर नियभ्रण १७७, दीक्षा-षृ শীত
भालोयणा १७८, कोई राजपूत শী ই? १७६, नरवेद तिथि १८०, अपने प्रति सत्य १८०,
सत्य की विजय १८१, इक दिन एेसो आवियो १८२। |
अध्याय ८ : जनोपकारक यात्रा पृष्ठ १८३-१८६
भालव-यात्रा पृ० १८३, थली में पदार्पण १८३, अन्य प्रचारक १८३, थली निवासी १८३,
धर्म-प्रतार १८४, अनेक चातुर्मास १८४, अनेक देश , एक यात्रा १८४, गुजरात में १८४,
सौराष्ट्र में १८५५, कच्छ में १८५ |
अध्याय ६ : अचानक शरीरान्त पृष्ठ १८७-१८८
मांलव की प्रार्थना पृ० १८७, अन्तिम विहार १८७, इवास-प्रकोप १ प७, दरीरान्त १८८ ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...