राज्य और नागरिक | rajya aur nagrik
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
384
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला अध्याय
राज्य और नागरिक
सुख की खोज--
हर एक आदमी सुख चाहता है | पुरुष हो या स्त्री, जवान
होया वदा, सव की यह इच्छा रहती है कि हमारे जीवन में
कोई तकलीफ न हो, हमारी कठिनाइयों दूर हों, हमें सुख मिले।
आदसी के हरेक काम करने का उद्देश्य यही होता है कि उसका
जीवन सुखी हो। किसी २ काम से उसे दुख भी मिलता है,
पर इस काम को करते समय भी उसने सुख ही पाने की इच्छा की
थी । घात यह दै क्रि आदमी का ज्ञान अपूर्णो है। वह भूल या
अज्ञान से कुछ ऐसे काम कर बैठता है, जिस से उसे सुख न
मिल कर दुख मिलता है, या जिस से पहले तो सुख मित्रता
हुआ मालूम होता है, पर थोड़ी ही देर के बाद उसे ज्ञात हो
जाता है कि उस काम से सुख पाने की आशा करना ठीक न था,
वद् काम तो दुख ही देने वाला है। निदान, आदमी को अपने
कामो से सुख मिले या न मिले, इसमें कोड संदेह नहीं कि हरेक
काम करते मे उसका उदेश्य यदी रहता द कि उसे सुख मिले,
ओर अधिक सुख मिले ।
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