ठोस ज्यामिति | Thos Jyamiti

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Thos Jyamiti by डॉ० ब्रज मोहन - Dr. Brajmohan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ० ब्रज मोहन - Dr. Brajmohan

Add Infomation AboutDr. Brajmohan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
साध्य २] . ११ ता यह सिद्ध करना है कि रेखाये क घ, मं क, मं ख, म ग''' सब समतलस्थ हैं । बिन्दु म, ग ७ म क ख के समतल मे हैं। अस्त, रेखा मग ७ म क ख के समतल मे हैं। ' ५ श्र्थात्‌ ; रेखाये क घ, म क, म ख समतलस्य ई । इसी प्रकार हम रेखाश्रो भ धके बारेमे भी सिद्ध कर सकते ह| (ख ) मान ले कि रेखा प फ, समानान्तर रेखाओं क ख, गे घ, चछ' ' 'को क, ग, च' * 'पर काठती है| ते यह सिद्ध करना है कि रेखाये प फू, क ख, गघ, च छ *' सब समतलस्थ हैं। बिन्दु क, ग समानान्तर रेखाओं क ख, ग घ के समतल में हैं । अस्त, पूरी रेखा प क ग च फ रेखाओं क ख, ग घ के समतल में हैं | अर्थात्‌, छेदक रेखाये ग घ, प फ़ रेखाओ क ख, ग घ के सम- तल मे हैं | फिर, बिन्दु ग, च समानान्तर रेखाश्रों ग घ, च छु के समतल मेदहै। अस्त, पूरी रेखा प क ग च फ रेखाओं ग घ, चर छ के समतल मे हैं। अर्थात्‌, छेदक रेखाये गघ, प्‌ फ रेखाओं गघ, चछ के समतल्ष में भी हैं। परन्तु, छेदक रेखाओं गघ, पफ में से एक ही समतल जा सकता है। ( साध्य १ उप-साध्य १) रसतु, रेलाये क रू, ग ध, च छ एक ही समतल मे ई । इसी प्रकार और रेखाओं को भी सिद्ध कर सकते हैं |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now