कुछ स्मृतियाँ और कुछ स्फुट विचार | Kuch Smritiyan Or Kuch Sfut Vichar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : कुछ स्मृतियाँ और कुछ स्फुट विचार  - Kuch Smritiyan Or Kuch Sfut Vichar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री सम्पूर्णानन्द - Shree Sampurnanada

Add Infomation AboutShree Sampurnanada

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जीवनके पहिले कुछ वर्ष ५4 नहीं हुआ । किताबोके पढनेमे ही गया | उन दिनो मुझे अग्रेजी उप- न्यासोका चस्का ठ्ग गया था | ठीक सख्या तो नहीं कह सकता परन्तु उन दिनो कार्माइकेल लाइब्रेरीमें, जो हमारे नगरका सबसे बडा पुस्तकालय शा, स्यात्‌ दी कोई अग्रेजी उपन्यास रह गया होगा जिसे मैने न पढा हो । कमी-कभी ऐसा होता था कि पुस्तक खबेरे व्यता था, सायकाल लौया आता था और सायकालकी लायी पुस्तकं सवेरेतक समाप्त कर देता था । ओर पुस्तकें भी पढ़ता था, पर कम 1 दूसरी पुस्तकोंमेसे दोके नाम विशेष रूपसे याद है, ठॉंडका राजस्थान! और ऐबटकी 'नैपोलियनकी जीवनीः । इतिहासकी दष्टिसे एेवयको पुस्तक स्यात्‌ बहुत प्रमाणित नहीं थी परन्तु उन दिनो उसका बहुत चलन था। हम सभी लोगोके हृदयोमे अंग्रजोके विरुद्ध जो अस्फुट भावना थी उसको इस पुस्तकसे पोषण मिलता था । तीसरे व्यक्ति जिनसे में प्रभावित हुआ था, शीतल वावा थे | वह हमारे यहाँ सन्‌ १८५७ के छगमग सोलह वर्षकी उम्रमे नौकर हुए थे और हमारे ही यहाँ ७१ वर्षकी उम्रमे सन्‌ १९१० मे उनका देहान्त हुआ। मै और मेरे छोटे भाई-बहन सभी महीने-डेढ-महीनेके होते-होते उनको सौंप दिये जाते । किसी भाग्यवान्‌ वच्चेको इतनी अच्छी धात्री नहीं मिल सकती थी | दिन-रातके कई घण्टे उन्‍्हीके पास बीतते थे और यह क्रम सात वर्षके ववतक चलता था | उनकी कही हुईं कहानियों और गायी हुई लोरियोमेसे कुछ मुझे अबतक याद है | वह स्वय बहुत धार्मिक व्यक्ति थे ओर चारो घामकी यात्रा कर आये थे। नामको नौकर थे परन्तु घरके बड़े-बूढोंमे गिनती थी । मेरी माता हर उत्सवपर उनके पॉब छूती थी और हम लोग भी विशेष अवसरोपर उनके पव पडते ये | हमारे स्कूलके अध्यापकोमे ऐसा कोई नही था जिसका विशेष उल्लेख किया जा सके | मेंने पहिले छठ क्लासमे, जिसे अब पॉचवों क्लास कहते हूँ, हरिस्वन्द्र स्कूलमें नाम लिखाया था । अब तो वह डिग्री कॉलेज हो गया है | उन ठिर्ना ठठेरीवाजारके पास एक तग ग्म था । खारे क्लास




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now