1194 भारतीय विद्रोह भाग - 1; 1938 | 1194 Bhartiya Vidroh Vol-1; 1938

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1194 Bhartiya Vidroh Vol-1; 1938 by ठाकुर मंजीतसिंह राठौर - Thakur Manjeet Singh Rathore

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अजुवादक के दो शब्द नकन यः बड़ी प्रसन्नता की बात है, कि हिन्दी के राजनैतिक साहित्य मे सामयिकता लाने के लिए हिन्दी के सुयोग्य लेखक एवं प्रकाशक बड़े मनोयोग से प्रयन्नशील है । इधर छ दिनों से केवल अद्जरेज़ी मे दी प्रकाशित होने वाले राजनैतिक सादित्य का दिन्दी अतुषाद भी प्रकाशित होने लगा है । हिन्दी के कुद प्रकाशक इस बात का बड़ा सराहनीय प्रयल्न कर रहे है, कि केवल हिन्दी भाषा-साषी देशवासियों को देश की राजनैतिक प्रगति से लाम उठाने का पूणे अवसर दिया जाय। यह एक एेसा स्तुत्य काय्यं दहै, जिखमे सहयोग देना प्रत्येक विचारशील भारतवासी का कतव्य है । स्तु राउल्लेट कमिंटी की रिपोर्ट भारतीय इतिद्दास के विद्यार्थियों के लिए एक ऐसी महत्वपूर्ण सामग्री है, जिसकी उपेक्षा करना उनके अध्ययन को अपूर्रा रखना था, पर सयोगवश इस ओर संभवत: किसी भी सुलेखक का ध्यान आकषित नही हुआ; यही कारण है, कि मुझे यह अनधिकार चेष्टा करनी पड़ी जिस रिपोर्ट में गवनमेण्ट की ओर से अमेरिका की “रादर पार्टी? के विभिन्न प्रयज्ञों का, लाला दरदयाल तथा राजा महेन्द्र प्रताप के जमेनी से मिलने का, वारीन्द्र घोष और रासबिहारी बोस के




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