आर्य्य जीवन | Aarya - Jivan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Aarya - Jivan  by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
क आरय-जीवन का संक्षिप्त वर्णन । ११ न डुलाने वाला है ॥१शा (दक्ष आदि) प्रजापतियों के समान वह श्रीपान प्रजाओं का धारणपोषण करने वाछा और उन के . হান্্রজীঁ के नाइा करने वाला है, जीवछोक का रक्षक, और धर्म की मयौदा का रक्षक है ॥१श॥ अपने धर्म का रक्षक, अपने जन का रक्षक, वेद वेदाड़ का तत्त्व जानने वाला, पकुवेद में पूरा शुणी ॥६४॥ सारे शास्त्रों का तत्त्वदर्शी, स्पृतिमान््‌ और प्रति - भाश्ाली, #सब का प्यारा, सब के काम संवारने वाल है,जिस ' के आत्मा में दीनता कभी (बड़ी २ विपात्तियों में भी) नहीं आई और जो बड़ा निपुण है ॥१५।॥ नदियों से समुद्र की नाई सर्वदा भले मनुष्यों से चारों ओर से घिरा हुआ, सच्चा आर्य † सव में सम (पक्षपात रेत, एक जषा वर्तने वाखा) ओर सदा दी प्यारे दरशन वाला है ॥९६॥ यह है आये जीवन की महिमा, जो घुरुष सनुष्य जीवन को ऐसा महन्‌ बनाने की चेष्टा करेगा,बदी आये नाम को साथक करेगा | *৮০ শিলা नानकम करसुद्रति-जने इष्ट का याद्‌ रस्र्ना, सौर भरतिभा-नया स्ना । यद्‌ पफ आये का मद्प्ये जीवने, जो एन इरोकां मे वपन किया दे । श 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now