रोमेंटिक साहित्य शास्त्र | Romantic Sahitya Shastra

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Romantic Sahitya Shastra by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सैमुअल टेलर कालरिज ५ हुआ तो उन्होंने समझा कि में भ्रीक दुन्‍्तकथाओं का [.ल्वतलः हूँ. और ঢ761165100 नामक बेतरणी नदी पार कर अंधेरी रात में (1670 नामक पुजारिन से मिलने जा रहा हूँ । बस क्या था । लगे तेरने के अन्दाज पर हाथ पर संचालित करने। उसका हाथ एक राहगीर के कोट के पाकेट पर पढ़ा | “दौड़ो, पकड़ो, एक जेबकट मेरी जेब कादने की कोशिश कर रहा है” वह शिल्ला उठा । बाद में जब रहस्य खुला तो क्रिसी तरह वातावरण में शान्ति आई । - कालरिज का महत्व इसमें नहीं कि उसने बहुत-सी गद्य और पद्च की पुस्तकों का प्रणयन कर साहिव्यकी श्री वृद्धि জী | 10076 20016002911 76 श्रौर 51075091001 অন্তী दो कवितायें हैं जो आकार प्रकार में कुछ बढ़ी सी रहै, [दप रित्शाा तो बहुत ही छोटी है। 518. [0192 ঈ चरि में तो कथा प्रसिद्ध ही हैं कि.यह स्वप्न काव्य है। पुक बार कालरिज अफीम की पिनक में सोया रहा | तीन घन्दे के परचात्‌ जब जगा तो तुरन्त ही कलम लेकर कविता लिखने ब्रेठ गया जिसे उसने स्वप्न में देखी थी । थोंडी सी ही स्त्रप्न दृष्ट पंक्तियां लिख सका था कि उसके एक पित्र महोदय मिलक्षने के लिये झा गये ओर एक घण्टे जमे रहे । तब तक चद्द स्वप्न, यह जादू, वह कल्पना दूर हो चुकी थी। कविता अधूरी रह गईं। ये कालरिज के द्वारा 'लिखी कवितायें परिणाम में भले ही थोड़ी हो पर १६ वीं शताब्दी को श्रेष्ठतस कविताओं की श्रेणी में रखी जा सकती हैं । 09 2২002501009 00127262179 में आत्मा की समुद्र यात्रा का वर्णन किया गया है | इसमें जो काल्‍्पनिक चित्रमयता है वह पाठक को आश्चर्य चकित कर देने चाली हैं। चह एक साधारण मस्तिष्क से इतनी दूर की चीज है कि इस कविता को पढ़ कर लोगों के होश हवास गायब हो गये थे । मानिन्न पोस्ट नामक पत्रिका में एक अ्ज्ञाततामा कविता कालरिज को सम्बोधित कर जिखी गई थी और जो #शछ॑था: ऐिवापा1ला की आलो- चना के रूप में थी--- - ০০]: 17092]2 02056 6851 98 [092 91110 02000 91] [0 115 1100012107519751015 100. কাঠ उपा > 686 ० ६1] प्र्थात्‌ महोदय यदह श्रापकी कवित्ता शाश्वत हं, यह्‌ कमी मी चुकने बाली * नहीं क्योंकि इसकी सींग का पता है न पृ छु का और यद्द अ्रवोध तो है ही !




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