साहित्य क्या है | Sahitya Kya Hai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १५ ) चघारण कर लेता है । महाकबि मिल्टन--/1?0०८४४ए 5710प10 96 8100 016 521591९0 5 ৪00. 15019351925”. श्रर्थात्‌ कविता को सुगम-सुवोध, प्रत्यक्षमुलक एवं रागात्मक होना चाहिये | सेमुअल जानसन--?060ए 15 116 2 0 प्रणा।गष्ठ 71628प/८ 0) পেট 2 6211108 10020102000 09 116 0610 0£1:585912মাঁলু काव्य आनन्द श्रौर सत्य को मिलाने या जोड़ने की कला है जिसमें बुद्धि की सहायता के लिये कल्पना का आश्रय लेना आवश्यक है। पी० बी० शेल्ली --“{20 लपन 101 2 26073] 8९०४८ 1702. 196 ৭5060 ६0० € 0175 62025951000. र प€ 17212108. 2০০ 15 6০1 20091020160 আট [1८05 प €. अर्थात्‌ कल्पना की अभिव्यक्ति ही काव्य है जिसका सुख से अ्रविच्छन्न रूप से सम्बन्ध है| ?. 8. 570०11ए ने एक और स्थान पर लिखा है कि दवद 15 006. ६५८००7५ 0 (४6 1965 2170. 17091716951, 00013351005 7 111९ ` 0200165 204 96५: एग्रत57, अर्थात्‌ कविता सर्वमुखी और सर्वोत्तम हृदयों के सर्वोत्तम और सर्व सुख-पुर्णा क्षणों का ल्ेखा-जोखा है । ले हन्ट (1,68४ सिप्ता)--9०८७ए 18 1९ प४८४४६०८९ 01 ৪ 72551070100) 0০21৮ *200 0০062 ০10090 ৫৮100 00. 111950055105 105 ০900270100, 10021010192. 2120 1800 2 00000190105 10518068229 ০ 0105 [11001010 ০ ৪210 10 00100, । भ्र्थात्‌ जिसमें सौन्दये, सत्य श्रौर शक्तिके लिये तृष्णा काकथन हो, जिसमे कल्पनामय चित्रण और भाषा में एकतश्मे विविधता के सामंजस्यकी विशेषता का समावेश हो । द यह परिभाषा जटिल श्रौर कुछ बड़ी है, साथ ही भाषा के सम्बन्ध में भी उक्ति अस्पष्ट और उलभी हुई है ।




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