प्राचीन भारत का इतिहास | Prachina Bharata ka iItihasa

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Prachina Bharata ka iItihasa by Bhagatsharn Upadhyaya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हूं में जे खण्ड हे दसवाँ परिच्छेद--मौय॑-काल-- श३४-१४६ | चन्द्रयुत् मौय॑--श्रारंम परिस्थितियों की श्रनुकूलता राज्यारोइण दिसिजय सिल्यूकस की पराजय श्र सन्धि चन्द्रगुप्त का शासन--मेगस्थनीज श्रौर कौटिल्य सैन्य-संगठन । साम्राज्य-शासन राजा या सम्राट मैत्रिमरिषदे और विविध विभागें के श्रध्यकत प्रांतीय शासन नगर-शासन पहली शिलपकला-समिति वैंदेशिक समिति जन-संख्या समिति वाणिज्यब्यवसाय-समिति वस्तु-निरीक्षक-समिति कर-समिति पाटलिघुत्र जनपद-शासन दंगडनीति सिंचाई श्राथ-व्यय राजप्रासाद चम्द्रगुप्त का व्यक्तिगत जीवन भारतीय जातियाँ चम्द्रयुप्त का अन्त बिन्ट्सार--विद्ोह वैंदेशिक संबंध दक्षिण का विजेता | स्यारहवाँ परिच्छेद--शोक मौ्य-- श४७-१६४ । राज्यारोदण कलिंग-विजय श्रशोक कां धर्म श्रशोक के उपदेंश अशोक के बौद्ध दोने में प्रमाण श्रशोक के परमार्थ-कृत्य तृतीय बौद्ध-संगीति श्रशोक के शिल्प-निर्माण- कार्य श्रशोक के श्रमिलेख साम्राज्य-सीमाएँ श्रशोक के शासन-श्ादर्श प्रजायें- साधन में उसका झथक परिश्रम शासन नये शासनाधिकारी श्र सुधार श्रशोक का चस्त्र अशोक के उत्तराधिकारी--संप्रति श्ौर दशरथ मौर्य-साम्राउ्य के हास के कारण परिशिष्ट क --शोक का परिवार परिशि्ट ख मौयों का वंशनवक्ष परिशिष्ट गं --तिथियों की श्रनुमित तालिका | बारहवाँ परिच्छेद-ज्ाझणु-साम्राज्य-- श६४-१५६ शु गनबंश पुष्यमित्र--न्राह्मणु-घर्म का पुनरुब्जीवन श्श्वमेध यवन-श्राक्रमण विदर्भ- विजय साम्राज्य की सीमा बौद्धों के प्रति श्रत्याचार पुष्यमित्र के उत्तराधिकारी शु गकालीन संस्कृति करव-ढुल परिशिष्ट क --शु ग-बंश-कम परिशिष्ट ख --कणव-कुल- कम बांग्र-खतावाइन-साब्राज्य--श्रारंभ सातवाइन तिथि सिमुक श्रौर कृष्ण शातकर्शि गौतमीघुत्र शातकर्णि वासिष्टिपुत्र पुड़मावि यश-श्रीशातकर्शि सातवाहन-युगीय संस्कृति-वार्मिक हिथिति सामाजिक स्थिति . झार्थिक स्थिति रादित्य कलिंगयाज खारवेल परिशिष्ट पुष्यमित्र के साम्राज्य का विस्तार | ही खण्ड ४ तेरहवाँ परिच्छेद--विदेशी आक्रमणों का युग-- १६०-२०३ हिस्ू-अंक-काल सीरियिक साम्राज्य में उथल-पुयल--पार्थव-बिद्रोद बाख्वी का. विद्वोद . यूचिदेमो श्स्तियोकस तृतीय का भारतीय हमला दिमित्रिय यूकरेतिद हेलियोकल श्रन्तलिकिद दरमाउस्‌ युथिदेमो का कुल मिनान्द्र यवन-संघर्ष का प्रमाव--ब्रीक-इमले साहित्य मुंदरा व्यापार धर्म कला ज्योतिष हिन्दू- | पार्थव पहच --वोनोनिज स्फक्षिरििन शुदुफर |




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