गुजराती साहित्य का पर्यवलोचन | Gujarati Sahitya Ka Paryvalochan

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Gujarati Sahitya Ka Paryvalochan by प्रकाश जैन मनमोहिनी - Prakash Jain Manmohini

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गुजराती साहित्य में ऐतिहासिक नाटक नटवरलाल अम्बालाल व्यास मध्यकालीन गुजराती साहित्य में नाटक की रचना नहीं होती थी। समर्थ महाकंवि प्रेमानन्द के नाम पर तीन नाटक मिलते ह, पर भ्रव सभी ने स्वीकार कर ही लिया है कि इल नाटकों के लेखक महाकवि प्रेमानन्द नहीं थे। सर्वप्रथम गुजराती नाटक (लदमी' ( ई० सण १८५१ मे) कविवर दलपतराम द्वारा लिखा गया । तदनन्तर रणश्चोडभाई उदयराम ने कई सामजिक नाटक लिखे । गुजराती में नाटप- साहित्य का निर्माण करने का श्रेय उन्हें ही मिलता है। फिर भी गुणराती साहित्य में ऐतिहासिक ताटकों की कमी




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