हिंदी की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | Hindi Ki Sarvshreshth Kahaniyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
444
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मालगोदाम में चोरी १२
श्राप बोल उठे--“्चोर शाला जल्दी मं दीवार पर गिरा है। पीठ
उसका रंग में चफ़न गया है। उसको संभालने के वास्ते उसने दोनों
हाथ से दीवार का सहारा लिया है, इसा ,से उँगलियों के साथ इथेली
दायार पर जोर से पड़ी है और दोनों हार्थो का निशान बीच में कमर
के दहने-बायें उखड आया है” वहां बड़ा देर तक खड़े-खड़े बराच्, साइब्र
देखते रहे | खूब अ्रच्छी तरह देखने पर मालूम हुआ कि उसके बायें
इथ की सच से छाटो उँगली टूटी है या कट गई है। उसका निशान
बहुत छोटा है | बाक़ी सत्र उँगलियों का निशान ठीक है ।
মামু ने जेत्र से एक पाकिटबुक नक्राल कर यद बात नोट कर ली।
सिर उनका नजर आगे पीछे दहने बयं चलने लगो। दरवाजे के
सामने हां को दावार में दूसरा दरवाजा हे। स्टेशनमास्टर से मालूम
हुआ कि वह सद्दा बन्द रहता है | उस वक्त रोशनों आने के लिये बाच
ने उसो को खाल रखा है। उसा का रोशनी में बराबर यह सत्र देख रहे
हैं । नोट करने वाली पेंसिल एक हाथ में और नोटबुक दूसरे हाय में
अभी मौजूद है | त्रात्र् की नजर बन्द दरवाजे पर पड़ी, तो एकदम चेहरा
खुश हो गया | किवाड़ के पास जाकर देखा तो एक पर दो जगह पाँच
उंगलियों का अलकतरा पोंछा थया है। दूसरे पर घोती का रंग घिस।
गया है | कितना द्वी घिसा जाय लेकिन छूट नहा है; तो भो बायें हाथ
को उंगलियों हा निशान देखने से बाबू का चेहरा खिल उठा। उसने
देखा तो उसमे भो कोटी (कनिष्ठक) उँगलो का छोटा सा निशान
डिटेक्टिव ने मन में कह्ा--'“चोर चाहे जो हो, लेकिन जो वहाँ
दोवार पर गिर कर दोनों हाथों से संभला है उसो ने अपनी धोती और
दोनों हाथ का अलकतरा किवाड पर पोंडा है। और उसके बायें दवाथ
की उँगली, कटी या टूटी है ।'
बस, इसके सिवा उस गोदाम में और कुछ भी काम की चीज
जासूस ने नहों पाई | ইহ অং कोई खास निशान नहीं, न पत्थर से
र
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