पूजा गीत | Pooja Geet

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Pooja Geet by पं. सोहनलाल द्विवेदी - Pt. Sohanlal Dwivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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€ आज युग का राग गा पिके! भरं पीले पत्र तर के, आज जागे भाग्य मरु के, जीर्ण जग, इस भव पुरातन में नवल निर्माण ला पिक | गिरे युग का शीरं वल्कल, रूदिय का छन्न श्यामत्त. खिल सुख के सुमन सुंदर, वह मधुर मन्तयज वहा पिकं !




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