महकते जीवन फूल | Mahakte Jivan Phool
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
420
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्राध्यात्मिक दृष्टिफोरण घारण करनेसे सुख-शाल्ति ४
इसके विपरीत एक सवेदनशौल व्यक्ति केवल अपने दर्शनकी
सूक्ष्मता, अनुभूतिकी गहराई और उदार दृष्टिकोणकी शक्तिसे दूसरों-
की अनेक वस्तुओंका आनन्द ले सकता है । जो व्यक्ति बाग लगाते
हैं, आप उनके बागमे जाकर प्रकृतिका आनन्द ले सकते हैं । घनी-
मानी सज्जनोके मकानोमे बचे हुए चित्रोकी कलाको परखकर आप
कलाके भव्य प्रदेशमे प्रवेश कर सकते हैं ॥ उनके घरमे बजनेवाले
वाद्य-संगीतका अनन्द ले सकते हैँ । दूसरोकी पुस्तक लेकर पढ
सकते हैं ओर आनन्द लाभ कर सकते है । दूसरोके ह्षमे हर्षित
और दु खमें सम्मिलित होकर अपनी आत्माकी परिघिका विस्तार
है सकते हैं.। दूसरोके वाल-बच्चे आपके बाल-बच्चे हैं ! प्रत्येक
व्यक्ति आपसे सम्बन्धित आपका मित्र एवं हितेषी है।
वास्तवमे मानन्द गौर सौन्दयं वस्तुभोमे नहीं है, देखनेवालेके
मनमे है । हमारे आनन्द ओर सौन्द्येका मापदण्ड हमारे मनकी
ऊँचाई ओर चौडाईपर निर्भर है। जिसकी रुचि जितनी परिष्कृत है,
हृदय जितना संवेदनशील ओर उदार है, वह उतना ही आनन्द
“^ ओर सौन्दयेका पान करता & । मनुष्यका दृष्टिकोण ही, आनन्द
देनेवाला है । ससार जिस भौतिक आनन्दके लिये अशान्त'है, उसमे
आनन्द लेशमात्र भौ नही है 1 वास्तविक आनन्द तो हमारे अदर
हमारी आत्मामे ह ।
यहं सोचकर मत विक्षुन्व हुजिये कि जपं बड़े-बड़े उदयान,
सहलो मथवा विशाल अट्टालिकाओंके मालिक नही & । कल्पना
कोजिये छि यदि ये वस्तुं आपकी होती भी, तो भी आप ছুল্
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