भारतीय राजनीतिक चिन्तन | Bhartiya Rajneetik Chintan

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Bhartiya Rajneetik Chintan by के. एल. कमल - K. L. Kamal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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6/ भारतीय राजनीतिक विन्तन में उसके लिए राय मानना जी है !! मजिमष्डल के सदस्यो एवे अन्य अपिकाप्वि का चयन योग्यता के आधार पर किया जाना चाहिये । सोमदेव का एक रेष्ठ एरजा के शातन पर बहुत ही जोर है। वह तो यँ तक कह देत है कि एक पूर्वं राजा के रज्यसे तो बिना ग़जा का समान होना ज्यादा श्रेयस्कर है । एक दुष्ट राजा के शासन से बडी कोई अन्य विपदा नहीं हो सकती 12 सोमदेव कोई मौलिक विचारक नहीं थे। उन्होंने जो लिखा यह करीब करीब सभी कौटिल्य के अर्यशत मे मिल जात्य है । वह एक जैन साधु थे और ग़जनीतिक प्मस्वाओ पर व्यवत्यित विचार काना उनकी प्रकृति मे भी न या। कामन्दक नीतिसार कामन्दक स्वयं स्वीका काते है फि वह कौटिल्य के भर्थशलर का ही सा एस पुस्तक मरे प्रस्तुत कर रहे हैं। कहीं कहीं उनके स्वये के विचार भी मिलते टै । कामन्दक মাজা और प्रजा के हितो मे कदी विरोध मही देखते, वह रजा भैष प्ल >>




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