गहरी जड़ें | GEHRI JADEN
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
148 KB
कुल पष्ठ :
8
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8/17/2016
'पकड़ो मारों सालों को
इंदिरा मैया के हत्यारों को!'
असगर भाई का माथा ठनका।
अर्थात प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई!
उसे तो फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ के अलावा और कोई सुध न थी।
यानी कि लॉज का नौकर जो कि नाश्ता-चाय देने आया था सच कह रहा था।
देर करना उचित न समझ, लॉज से अपना सामान लेकर वह तत्काल बाहर निकल आए।
नीचे अनियंत्रित भीड़ सक्रिय थी।
सिखों की दुकानों के शीशे तोड़े जा रहे थे। सामानों को लूटा जा रहा था। उनकी गाड़ियों में, मकानों में आग लगाई
जा रही थी।
असगर भाई ने यह भी देखा कि पुलिस के मुट्ठी भर सिपाही तमाशाई बने निष्क्रिय खड़े थे।
जल्दबाजी में एक रिक्शा पकड़कर वह एक मुस्लिमबहुल इलाके में आ गए।
अब वह सुरक्षित थे।
उसके पास पैसे ज्यादा न थे।
उन्हें परीक्षा में बैठना भी था।
पास की मस्जिद में वह गए तो वहाँ नमाजियों की बातें सुनकर दंग रह गए।
कुछ लोग पेश-इमाम के हुजरे में बीबीसी सुन रहे थे।
बातें हो रही थीं कि पाकिस्तान के सदर को इस हत्याकांड की खबर उसी समय मिल गई, जबकि भारत में इस
बात का प्रचार कुछ देर बाद हुआ।
ये भी चर्चा थी कि फसादात की आँधी शहरों से होती अब गाँव-गली-कूचों तक पहुँचने जा रही है।
उन लोगों से जब उन्होंने दरयाफ्त की तो यही सलाह मिली - 'बरखुरदार! अब पढ़ाई और इम्तेहानात सब भूलकर
घर की राह पकड़ लो, क्योंकि ये फसादात खुदा जाने जब तक चलें।
बात उनकी समझ में आई।
4/8
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