गधा और ऊदबिलाव | GADHA AUR UDBILAYO

Book Image : गधा और ऊदबिलाव  - GADHA AUR UDBILAYO

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

मेक्सिम गोर्की - MAXIM GORKY

No Information available about मेक्सिम गोर्की - MAXIM GORKY

Add Infomation AboutMAXIM GORKY

सेर्गेई मिखाकोव -SERGEI MIKHAILKOV

No Information available about सेर्गेई मिखाकोव -SERGEI MIKHAILKOV

Add Infomation AboutSERGEI MIKHAILKOV

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पुडिक ने डर से अपने पंखों पर जोर लगाया। उसने अपने छोटे पंख फैलाये और छोटे धूसर पैरों से कॉपते हुए कायरतापूर्वक चीं-चीं कर कहने लगा : “बहुत खुशी हुई! मैं सच बोल रहा हूँ, आपको देखकर बहुत खुशी हुई |” लेकिन माँ गौरय्या ने उसे ढकेलकर एक तरफ कर दिया और अपने पंखों को सिकोड़कर पूरे साहस के साथ और बड़े ही भयावह रूप में अपनी चोंच खोलकर सीधे बिल्ली की आँखों में निशाना साधा । “जाओ यहाँ से!” वह चिल्लायी। “ऊपर खिड़की पर जाओ, पुडिक! उड़ो...” डर ने छोटे गौरय्ये को जमीन से उड़ा दिया। वह थोड़ा-सा उछला, एक बार अपने पंख फड़फड़ाये और दूसरी बार फिर फड़फड़ाये, और इस तरह वह खिड़की के कगार तक पहुँच गया। 15 / गधा और ऊदबिलाव




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now