हमें अंटार्टिका के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE KNOW ABOUT ANTARCTICA?

HOW DID WE KNOW ABOUT ANTARCTICA? by आइज़क एसिमोव -ISAAC ASIMOVपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बडे खेमे का सदस्य था। पाल्मर को ब्रैन्सफील्ड खाड़ी के दक्षिण में भूखंड दिखाई दिया। ब्रस्सफील्ड और पाल्मर द्वारा देखा गया भूमिखंड एक सकरे 'एस-आकार' के उपद्वीप (पेनिनसुला) का हिस्सा था। अमरीकियों ने उसे पाल्‍्मर के सम्मान में “पाल्मर लेन्ड' बुलाया। पर क्‍योंकि ब्रेन्‍्सफील्ड ने उसे पहले देखा था इसलिए अंग्रेजों ने उसे उस समय के नोसेना कमान्डर के सम्मान में 'ग्रेहम लैन्ड' बुलाया। 1964 में यह विवाद सुलझ पाया। इस क्षेत्र को अब अनयाकटिक पेनिनसुला बुलाया जाता है। ब्रैन्‍्सफील्ड और पाल्मर पहले लोग थे जिन्होंने इस बड़े विशाल भूखंड को देखा था पर उन्होंने क्या देखा था इसका उन्हें कुछ पता नहीं था। 7 फरवरी 1821 को एक अमरीकी सील शिकारी जोन डेविस ने पहली बार अनटर्कटिक पेनिनसुला पर अपना पैर रखा। यह बात किसी को पता नहीं थी परन्तु 1955 में उसके जहाज की डायरी 'लाग-बुक' बरामद हुई और उससे यह खुलासा हुआ। डेविस ने 'लाग-बुक' में अपना मत व्यक्त किया कि वो भूखंड अनटाकंटिक महाद्वीप का एक भाग था। पर डेविस के पास इसका कोई प्रमाण नहीं था। पर अनटर्कटिक महाद्वीप पर पेर रखने वाला वो पहला व्यक्ति था। अनटर्कटिक पेनिनसुला के जिस भाग से ब्रेन्सफील्ड, पाल्मर और डेविस जुडे थे वो असल में अनटाकंठटिक क्षेत्र नहीं था। साउथ टेम्परेट जोन से उत्तर की ओर पेनिनसुला का बहुत विस्तार था। असल में अनटाकंटिक पेनिनसुला का उत्तरी छोर 63-डिग्री-एस पर स्थित है और वो अनटर्कटिक-सर्किल से 400-किलोमीटर दूर था। इसी बीच रूसी खोजकर्ता आकठिक क्षेत्र के उत्तरी हिस्सों का अन्वेषण कर रहे थे। उन्हें लगा कि अनयाकंटिक क्षेत्र को खोज भी रोचक होगी। 1819 में रूसी जार एलिग्जेंडर-प्रथम ने फेबियन गौटिलिब बेलिंगहाउसिन को दक्षिण में अन्वेषण के लिए भेजा। बेलिंगहाउसिन को आदेश थे कि वो केप्टन कुक के खोज स्थान से और दक्षिण की ओर जाए।




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