मेरा मित्र मिस्टर लीकी | MY FRIEND MISTER LEAKEY
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
79
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
जे० बी० एस० हाल्डेन - J. B. S. HALDANE
No Information available about जे० बी० एस० हाल्डेन - J. B. S. HALDANE
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मेश दोस्त मिस्टट लीकी
12
होगा, यह यकीन से नहीं कहा जा सकता। इसलिए मैं अपने लिए
हमेशा मछलियां पकड़वाता हूं। पर चिड़िया तो कुछ दिन पुरानी
हो जाने पर ही ज्यादा अच्छी लगती हैं। आहा, सॉसेज भी चाहिए
हमें, यह लो आसान है।'
उसने अपनी जेब से मिट्टी का पाइप निकाला और उसमें
फूंका। दूसरी ओर से सॉसेज जैसा एक बादामी लाल बुलबुला सा
निकल आया। ओलिवर ने उसे एक हाथ से पकड़ लिया और एक
गर्म प्लेट पर डाल दिया, मुझे मालूम है, वह सॉसेज ही थी क्योंकि
बाद में मैंने उसे खाया। मेरे देखते-देखते उसने इस तरह छ:
सॉसेज बनाई और मैं जब उसे देख रहा था, उसी बीच ओलिवर
ने सब्जियां पकड़ाई। मुझे पता नहीं, वह उन्हें कहां से ला रहा
था। सॉस और शोरबा मिस्टर लीकी के टोप से आया, हमेशा की
तरह |
इसके तुरंत बाद ही उस शाम का इकलौता गड़बड़झाला हुआ,
नमकदानी ला रहे बीटल की टांग मेजपोश की एक सलवट में
उलझ गई और सारा नमक मिस्टर लीकी के सामने गिर गया।
- वे उससे मुस्से में तमतमाकर बोले, 'तुम्हारी किस्मत अच्छी है
लीओपॉल्ड, कि मैं समझदार हूं , अगर कहीं मैं वहमी होता, जो
'मैं नहीं हूं, तो सोचता मेरे साथ अपशकन हो गया। पर हां
किस्मत तो तुम्हारी ही ख़राब है, किसी और की नहीं, क्योंकि
मेरा इरादा है कि तुम्हें फिर से आदमी बनाकर उड़नकालीन पर
बिठा सीधे नजदीक के थाने में भेज दूं। फिर जब पुलिस यह
पूछेगी कि तुम कहां छिपे थे, तो क्या तुम सोचते हो कि वो
तुम्हारी यह बात्त मान लेंगे कि “हुजूर मैं साल भर से कीड़ा बना
हुआ था?” शर्म भी नहीं आती तुम्हें क्या!
लीओपॉल्ड, बड़ी मुश्किल से अपने पट्टे से निकलकर उलट
गया फिर एक शर्मिंदा कुत्ते की तरह अपनी टांगे, हवा में
धीरे-धीरे चलाने लगा।
मिस्टर लीकी ने बताया, ““जब लिओपॉल्ड आदमी था, वह
लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसा ऐंठता था। जब पुलिस को पता
चला और वह इसे पकड़ने ही वाली थी, ये मदद के लिए मेरे
पास आया। मैं सोचता हूं ठीक ही किया मैंने इसके साथ। मैंने
इससे कहा, अगर वो तुम्हें पकड़ लेते, तो तुम सात साल के लिए
सजा काटते। अगर मुनासिब समझो तो पांच साल के लिए कीड़ा
बना दूं तुम्हें, ये कुछ लंबा वख्त नहीं है। अगर तुम एक शरीफ
कीड़े की तरह रहे, तो मैं तुम्हें दूसरी शक्ल का आदमी बना दूंगा
और पुलिस तुम्हें पहचान नहीं पाएगी। इस तरह लिओपॉल्ड अब
कीड़ा है। मैं समझता हूं, अब वह नमक गिराने के लिए शर्मिंदा
है। लियोपॉल्ड, अब सारा नमक समेटो, जो तुमने फैलाया है।”'
उसने लियोपॉल्ड को पलटकर सीधा कर दिया और मैं उसे
नमक बटोरते देखने लगा। उसको एक घंटे से भी अधिक समय
लगा। पहले तो वह अपने मुंह से एक बार में एक दाना उठाता
फिर खुद को अपने अगले पैरों की मदद से उठाता और तब दाने
की नमकदानी में डालता। फिर उसने एक अच्छी तरकीब सोची |
उस किस्म के कीड़े की पंखे जैसी छोटी-छोटी मूंछे होती हैं ।
उसने उनसे नमक समेटना शुरू किया। इस तरह काम जल्दी
निबटने लगा। पर थोड़ी देर
में उसे तकलीफ होने लगी।
उसकी मूंछों में खुजली या
कोई और तकलीफ होने लगी,
जिससे कि वह उन्हें अपनी
टांगों से झाड़ने लगा। फिर
उसे कागज की चिंदी मिल
द् - +
थे का च मी ली लक 4 आन दा ७०
पक कद शन
गई। जिसे वह अगले पैरों से
पकड़कर बेलचे की तरह ४
इस्तेमाल करने लगा, अपने |
दांतों में पकड़कर | ग! शा 252
४ हु
एक दावत जादुगअष्ट के साथ 77...
न
13
User Reviews
No Reviews | Add Yours...