कजरी गाय ने की सफाई | KAJARI GAI NE KEE SAFAI

KAJARI GAI NE KEE SAFAI by जुज़ा वाइजलैंडर - JUJJA WEISLANDERटोमस वाइजलैंडर - TOMS WEISLANDERपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सूखी घास उड़कर दरवाजे के बाहर गिरने लगी। ढेर सारी | !” कौआ चिल्लाया, “यह हुई न बात! यह पंखा तो बड़ा जोरदार निकला। सात कूड़ा-कचरा भी हवा के साथ बाहर!” “पर, कौए, इससे तो हमारी सूखी घास भी बाहर फेंकी जा रही है! “मुझे फरक नहीं पड़ता ।” ९३ “लेकिन, कौए, सर्दियों में हम क्या खाएँगे?” #* “पिज्जा मैंगवा लिया करो। मुझे बड़ा पसंद हैं।” कजरी गाय ने ख़टाक से पंखा बंद कर दिया। ठक्‌! बह 3 >1 5 हक & 6:66 ..... अं: (६ 4० ट्क । | आओ कल ध् ब्ब्न् ् कु की! | ल्न्््ं श्र आओ! नह. क




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