सच से बड़ा सच | SACH SE BADA SACH

SACH SE BADA SACH by पुस्तक समूह - Pustak Samuhरवीन्द्रनाथ टैगोर - RAVINDRANATH TAGORE

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रवीन्द्रनाथ टैगोर - Ravindranath Tagore

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चूहों की दावत हों की दावत 'यह ठीक नहीं है,' लड़कों ने कहा। हम एक नये अध्यापक से नहीं पढ़ेगे।' उन्हें एक नये संस्कृत के अध्यापक मिलने वाले थे, जिनका नाम कलिकुमार तर्कालंकार था। छुट्टियाँ खत्म हो गई थीं, और बच्चे रेलगाड़ी में बेठकर वापस स्कूल जा रहे थे। एक शेतान विद्यार्थी ने पहले से ही नये अध्यापक का नाम बदलकर कालो कुमड़ो टटका लंका, कर दिया था, जिसका अर्थ है “काला कद्‌दू ओर तीखी लाल मिर्च!। 16 / सच से बड़ा सच




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