सेमागा कैसे पकड़ा गया ? | SEMAGA KAISE PAKDA GAYA

SEMAGA KAISE PAKDA GAYA by पुस्तक समूह - Pustak Samuhमेक्सिम गोर्की - MAXIM GORKY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बहुत तेजु है। बीच सड़क हमारे लिए जुरा भी ठीक जगह नहीं है,-हम तो ऐसे ही जाम हो रहे हें।” द पुलिसमैनों के कुछ पल्‍ले नहीं पड़ा कि वह कया कह रहा है, लेकिन उन्होंने उसे घरों की ओट में ही चलने दिया जबकि वह खुद, जहाँ तक बन सकता था, निकट रहते हुए अपने घोड़ों पर उसके साथ-साथ चलने लगे। द इस प्रकार उनकी निगरानी में सेमागा ने पुलिस-स्टेशन तक समूचा रास्ता पार किया। “सो तुम लोगों ने उसे गिरफ्तार कर लिया,-कर लिया न? यह बहुत अच्छा हुआ, दफ्तर प्रवेश करने पर पुलिस-चीफ ने उनसे कहा। “ और यह बच्चा? इसका मैं क्या करूँ?” अपने सिर को झटकाते हुए सेमागा ने पूछा। “यह क्या? केसा बच्चा? ” “यह है। सड॒क पर पडा था। यह देखिए।” और सेमागा ने कोट के भीतर से उसे बाहर निकाल लिया। बच्चा उसके हाथों में लिंजबिज पडा था। “लेकिन यह मरा है!” पुलिस-चीफ चिल्ला उठा। “मरा है?” सेमागा ने दोहराया। झुककर उसने नन्हे बण्डल की ओर देखा ओर फिर उसे मेज पर रख दिया। “क्या तमाशा है,” उसाँस भरते हुए उसने कहा-“ ओर में भी इसे एकदम सीधे उठा लाया। कौन जाने, अगर में इसे वहीं... लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैंने इसे उठाया और इसके बाद फिर नीचे रख दिया।” “यह क्‍या बडबड़ा रहे हो?” पुलिस-चीफ ने पूछा। सेमागा ने अपने इधर-उधर खोई हुई नजर से देखा। बच्चे के मरने के साथ-साथ वे सब भाव भी ज्यादातर मर चुके थे जिनका कि सड॒क पर चलते समय उसने अनुभव किया था। यहाँ वह सर्द अफसरशाही से घिरा था, जेल और अदालत के सिवा उसे और




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