अब्बू खां की बकरी | ABBU KHAN KEE BAKRI
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
558 KB
कुल पष्ठ :
8
श्रेणी :
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ज़ाकिर हुसैन - ZAKIR HUSSAIN
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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| को खींचती और अजीब
1 2 0! 1
00700 आग 11717
सुबह उाब अब्बू खाँ ने दूध दुह लिया तो चौँदनी ने उनकी तरफ
अपनी; जुबान में अब्बू खाँ मियाँ,.में अब
हो जाएगी। मुझे तो तुम पहाड़ पर .
की बोली लगे थे।* द
ये भी जानें को कहती है, ये भी |
“'तो फिर क्या रस्सी
ने कहा, “इससे क्या
क्रो है?”
अादनी ने जवाब दिया
लम्बी कर दूंगा।'
बात है? त॑
र््
धोनी बोली, वा नहीं
अरी कम नसीब, तुझे
आय
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श््ः कु हट कक तह आशा हः
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