बलिदान , 2011 | BALIDAN, 2011

BALIDAN, 2011 by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaसीताराम शास्त्री -SITARAM SHASTRY

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सीताराम शास्त्री -SITARAM SHASTRY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शा कान कक _ आंदोलन के शहीदों को सम्मान के लिए आमरण अनशन दिनांक 22 मार्च 2011 को भाकपा (माले) के केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह पूर्व विधायक बहादूर उराँव राँची के बिरसा चौक पर जनता की विभिन्‍न माँगों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे। आमरण अनशन की मुख्य माँगें थीं: 1. झारखण्ड आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों के परिजनों को नौकरी, मुआवजा और सम्मान देना होगा। सीएनटी एक्ट तथा एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू करना होगा विधायक व सांसद निधि को समाप्त कर इस फंड को पंचायतों व ग्रामीण विकास मद में दिया जाए ताकि ग्राम सभा द्वारा जनहित कार्य कराये जा सकें। द 4. जनजातीय-द्षेत्रीय भाषा के लिए अलग बजट तैयार कर प्राथमिक से उच्च स्तर तक पठन-पाठन को अनिवार्य बनाया जाए तथा शिक्षकों की बहाली अविलंब की जाए। . द >- 183 वर्ष से ऊपर सभी ग्रामीणों को जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जाए तथा कृषक मजदूरों को उचित अधिकार व उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिया जाए। द द 0. आम व वनग्राम में बसे आदिवासियों को 50 हजार रुपये अनुदान दिया जाए जिससे वे मुर्गी, बकरी, सुअर इत्यादि पालन करके जीवकोपार्जन कर सकें और हंडिया-दारू जैसे नशीले पदार्थों के व्यापार को रोका जा सके 7. सम्पूर्ण झारखंड क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर तलहटी में 200 फीट चौडा एवं 30 फीट गहरा जल भंडार बनाये जायें ताकि वर्षा का पानी हमेशा जमा रहे और कृषक 12 महीने खेती कर सकें। इस प्रोजेक्ट से सुखाड व अनावृष्टि ... का भी मुकाबला किया जा सकता है। द 0. कृषकों को कृषि खर्च का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाए जिससे कृषि को प्रोत्साहन मिले तथा किसान कृषि कार्य को बढ़ा सकें। ः द द 9. पारा शिक्षकों को स्थायी किया जाए। द 10. सभी गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, बिजली उपलब्ध करायी जाए। 11. सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था सुधारी जाए। . 12. वनग्राम में बसे सभी ग्रामवासियों को शीघ्र परचा दिया जाए क्योंकि 2006 से वन अधिकार अधिनियम लागू हुआ, पर परचा देने का काम अब तक लंबित हैं। द 13. कोई मंत्री-मुख्यमंत्री यदि चुनांव लड़ते हैं तो पहले उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का कानून बनाया जाए क्योंकि वे सरकारी सुविधा व राशि का उपयोग करते हैं। रा द 14. तमाम शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी दी जाए। द 15. वर्ष 1990 से लंबित चक्रधरपुर, चाईबासा मुख्य मार्ग के रेलवे ओवरब्रिज को यथाशीघ्र पूरा किया जाए। 16. संजय नदी पर वर्षों से लंबित लिफ्ट इरिगेशन को पूर्ण करके बैका, लोहरदगा, आरणुण्डी आदि गांवों के हजारों ग्रामीणों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाए। द हे 1/. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से चयनित ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद्‌ सदस्यों को उचित मानदेय दिया जाए एवं 3 करोड़ विधायक निधि फंड को पंचायत को निर्गत किया जाये ताकि ग्रामसभा के द्वारा विकास का कार्य अधिक से अधिक मात्रा में हो सके। 16. खूंटपानी प्रखंड का मुख्यालय चक्रधरपुर-चाईबासा मुख्य मार्ग पर बनाया जाए ताकि पूर्ण रूप से जनहित कार्य हो सके। खूंटपानी प्रखंड का मुख्यालय पंडराशाली में रखने से जनता को भारी परेशानी का कारण बन गया है। तत्काल खूंटपानी में प्रति सप्ताह तीन दिन कैम्प कार्यालय चलाया जाए। .. ज् द आए (




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