राईट ब्रदर्स | WRIGHT BROTHERS
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
23
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh
मैरी जोसफ़ -MARY JOSEPH
No Information available about मैरी जोसफ़ -MARY JOSEPH
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाई से कहा ।
“मैं सोचता हूं कि यान के पंखों के नीचे हवा के दबाव
को और अधिक ताकतवर करना होगा,” विलबर ने कहा,
“इस तरह से यह ग्लाइडर ज़मीन से ऊपर उठकर ज़्यादा
के तक हवा में रह सकेगा ओर इंजन से ऐसा हो सकता
”
ओरविल के दिमाग में भी यही बातें थी । अतः उसे
कुछ कहने का मौका ही नहीं मिला । उन दोनों के सवाल
का उत्तर एक इंजन ही था | ग्लाइडर में इंजिन लगाने से
यह मशीन हवा से अधिक भारी हो जाती है। इसे ही
वायुयान कहते हैं ।
राईट बन्धुओं ने जो ग्लाइडर बनाया था उन्होंने
उसका अध्ययन किया। उन्होंने कागज़ पर नक्शा तैयार
किया । फिर उन्हें यह पता लगाना था कि जिस इंजन को
उन्होंने लगाया है वह क्या ग्लाइडर के लिये भारी रहेगा ?
इसको उन्हें ज्ञात करना था।....
एक बार फिर उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ा
क्योंकि कोई भी व्यक्ति उन्हें इंजन बेचने को तेयार नहीं
था।
एक दुकानदार ने अपने एक मित्र से कहा, “ये दोनों
3४
व्यक्ति पागल हैं । ये सोचते हैं कि ये कोई देवदूत हैं । ये
हवा में उड़ना चाहते हैं ।”
लेकिन विलबर और ओरविल के पास उससे जिरह
करने का समय नहीं था। वे अपने दिमाग और हाथों को
इस्तेमाल करते थे । उन्होंने अपने आप ही एक इंजन बना
लिया । उसे उन्होंने यान में लगा दिया । उन्होंने उसे चालू
भी करना चाहा । लेकिन आविष्कार को सफल बनाने में
बहुत ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है । सफलता प्रथम बार
ही आसानी से नहीं मिल जाती । जिस इंजन को उन्होंने
बनाया था वह चल ही नहीं पाया ।
लेकिन विलबर ने हिम्मत नहीं छोड़ी । उसने
ओरविल से कहा, “ओरविल, यह इंजन अवश्य काम
करेगा । हम अंत में इसे चलने को मजबूर कर देगें ।”
और उन्होंने ऐसा ही किया | और एक दिन बहुत
शोर करने ओर धुआं छोड़ने के बाद यान में लगा इंजन
चल उठा ।
राईट बन्धु खुशी से झूम उठे और बोले, “आखिर
यह इंजन काम करने लग ही गया ।”
लेकिन अभी तक वायुयान तैयार नहीं हुआ था,
केवल इंजन ही बना था। उन्होंने जब उस इंजन को
33
User Reviews
No Reviews | Add Yours...