एक नही डॉ चूहे | MICE TWICE

MICE TWICE by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaजोसफ लो -JOSEPH LO

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अगले दिन शाम आठ बजे, कुत्ते और चुहिया ने बिल्ली के घर का दरवाज़ा खटखटाया. बिल्ली के घर के अन्दर एक शेर बैठा था. शेर के डील-डौल से पूरा घर भर गया था. जगह की कमी के कारण बिल्ली को शेर के पंजों के बीच बैठना पड़ा. बिल्ली मुस्कुरा रही थी. घर में बाकी जगह एक मेज़ से घिरी थी. उसपर बड़ी लज़ीज़ चीज़ें रखीं थीं, जिन्हें बिल्‍ली, शेर को खुश करने के लिए लाई थी. उनमें ताज़ी भुनी मूमफली, मोटी रसीली किशमिश, भुना मांस और पेपरमिंट की मिठाई थी.




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