हमें ब्लैक होल्स के बारे में किसने बताया ? | HOW DID WE KNOW ABOUT BLACK HOLES

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ज्वीकी ओर बाडे को लगा कि अगर ढहते तारे का भार 'चंद्रशेखर-सीमा' से अधिक हो, ओर अगर ढहने की गति बहुत तीव्र हो तो फिर सारे इलेक्ट्रान, नाभि में चले जाएंगे। तब नाभि में मौजूद प्रोट्रान, न्यूट्रान में परिवर्तित हा जाएंगे। तब ढहते तारे में सिफ न्यूट्रान ही बचेंगे। इलेक्ट्रान के अभाव में न्यूट्राग एक-दूसरे के पास आएंगे और वे अंत में एक-दूसरे को छुएंगे। इस स्थिति में ढहने वाला तारा 'न्यूट्रान-स्टार' बन जाएगा। न्यूट्रान क्योंकि अणुओं की अपेक्षा बहुत सूक्ष्म होते हैं इसलिए 'न्यूट्रान-स्टार' भी बहुत छोटा होगा। मिसाल के लिए हमारा सूर्य गर्म गैसों की एक गेंद है जिसका व्यास 1,390 ,400-किलोमीटर है। अगर उसके सभी इलेक्ट्रान और प्रोट्रान, न्यूट्रान में परिवर्तित हो जाएं, और वो सिकूडे जिससे न्यूट्राग आपस में छुए तो फिर वो खुद एक 'न्‍्यूट्रान-स्टार' बन जाएगा जिसका व्यास मात्र 6-किलोमीटर होगा। पर उसका भार अभी भी सूर्य जितना ही होगा। ज्वीकी और बाडे को लगा कि 'व्हाइट-डुआफस' कवल उन्हीं तारों से बनेंगे जिनका आकार 'सुपर-नोवा' जेसे विस्फोट के लिए बहुत छोटा होगा। जो बडे तारे 'सपर-नोवा' की स्थिति से गुजरेंगे वो अंत में 'न्यूट्रा-स्टार' जैसे ढहेंगे। (हमारा सूर्य बहुत छोटा होने के कारण उसमें विस्फोट नहीं होगा। भविष्य में वो कभी ढह कर “व्हाइट-डुआफस' बनेगा परन्तु 'न्यूट्रान-स्टार' नहीं बनेगा। अणुओं का ढहना




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