हमारा हिंदी साहित्य और भाषा परिवार | Hamara Hindi Sahitya Aur Bhasha Pariwar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
55.18 MB
कुल पष्ठ :
506
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भवानीशंकर त्रिवेदी - Bhavanishankar Trivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१७ ) - लिए है न कि आदर्शों का प्रचार करने के लिए । यह सिद्धान्त यंथार्थवाद १९ . .काही समथन करता है । . - आददवाद--प्रद्येंक रचना में किसी ने किसी आदशं या सिद्धान्त का. समा- . बेश आवद्यक रूप में स्वीकार करने वाला सिद्धान्त आदशंवाद कहलाता हू। ं . इसी सिद्धान्त के अनुसार साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं प्रत्युत ... समाज का निर्माण भी है । और यह तो निश्चित हूं कि समाज का. निर्माण सदा सुसंस्कारों से ही होगा । . हालावाद--कवि अलौकिक प्रेम के मद में छककर मतंवाला हो जाता हैं ... और उसी दिव्य आसव का पाने करते-करते अपने आपको भूल बैठता है ।. ऐसी स्थिति का वर्णन करनेवाली कविताएं हालावादी कहलाती हैं । प्रसिद्ध . फ़ारसी कवि उमर-खैय्याम की रुबाइयों के अनुवाद से हिंदी में हालावाद _.. का प्रारम्भ हुआ हूं। साकी (प्रेमी साथी) मय (मध-मथु) सथखाना भा रू ........ (मुशाला) जाम (पात्र) आदि पदाथ॑ भी इसमें आध्यात्मिक रूप में प्रस्तुत होते हैं । कवि गहरी निराशा की अनुभूति के पश्चात् ही इस कल्पित मादकता के लोक में पहुंचना चाहता है । बच्चन आदि कुछ-एक हिन्दी-कवि _ कुछ समय तक इस वाद में प्रभावित रहे थे । अब इसका प्रभाव. . . समाप्त-सा हो गया हे । स्वच्छन्दतावाद--साहित्य की किसी एक बहती हुई धारा के बहाव में न _ बहकर पुराने सभी प्रकार के रूढ़िबन्धनों को तोड़ देने के सिद्धान्त को. ः स्वच्छन्दतावाद ( रोमान्टिसिज्म ) कहते हैं। ऐसे कवि को परिवर्तनवादी या... लि स्वच्छन्दतावादी (रोमाल्टिक) कहा जाता हूं । प्रायः प्रत्येक काल में कोई... २२ न कोई. रोमान्टिक कवि हुआ है। आधुनिक-काल में निराला को _.. प्रतिनिधि-स्वच्छन्दतांवादी-कवि साना जाता है। द कथि और कास्य--हुषं थोक उत्साह आदि मनोवेगों को तरंगित करने वाली रचनाएं काव्य कहलाती हैं। १. दुश्य और २. श्रव्य ये काव्य के दो. ._ मुख्य भेद हैं। नाटक एकांकी नाटक गीति-नाट्य आदि दृश्य-काव्य के अन्तर्गत गिने जाते हैं। गद्य (उपन्यास कहानी आदि) और पथ (प्रबन्व- _... कोब्य मुक्तक-काव्य और गीति-काव्य आदि) श्रव्य-काव्य हूँ । इन सभी का... -. ... रचविता कवि कहुलाता हू. । हे ...... सम्पूर्ण अन्यों को या केवकू काव्य को साहित्य कहते हैं। साहित्य की आलो- साहित्य और साहित्य-क्लास्त्र--किसी भाषा में लिखे हुए सभी विषयों के पक
User Reviews
No Reviews | Add Yours...