महाभारत भाग २ | Mahabharat Part-2

Mahabharat Part-2 by पं. राजाराम - Pt. Rajaram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याथ १ ] भीष्मपर्व ८०5 ६ मीष्मपवे अ१ १(व० १३-१४ संजय से ज्ञतराष्ट्र का युद्ध शत्तान्त खुमना मुल--भ्रथ गावलगाणे विद्रान संयुगादेत्य भारत। आचह निहते भीष्म भरतानां पितापई ॥ १ ॥ संजय उवाच-संजयोहई महाराज नमस्ते मरतपंभ । इतों भीष्म छान्तनवों भरतानां पिता- मह ॥ र ॥ ककुद सवयोधानां घाम सबंधनुष्पतां धार तप गत सोड्य देते कुरुपितामद। ॥ 9 ॥ यस्य वीर्य समा श्ित्य यूत॑ पुत्रस्तवा करो । स क्षेत्र निहतों राजन संख्ये भीष्पः शिखण्डिना ॥ ४ ॥ पाण्डवानां महासन्य ये इट्टोथतमाइवे । प्रावेपत भयो ट्रिमें सिंद देर गोगण ॥ ५ ॥ परिरंक्ष्य स सेनां ते दद्यराब्मनीकहा ।जगामास्तमिवादित्य कृत्वा कमें सुदुष्कर। अधे- # अब गवलगण के घुत्र ( संजय ) विद्वान ने रण भूपषि से आ कर बतलाया कि भरतों के प्रितामह भीष्य मारे गए ॥ ॥ संजय वोला--हें भरत वर महाराज में संजय आप को नमस्कार करता हूं भरतों के पितामह भीष्प मारे गए ॥ ९ ॥ सब योधों के दिरोमाणें सब धनुर्धारियों के तेज पुझ्न कुरुभों के पितामइ आज वःणों की दाय्या पर शयन कर रहे हैं सर भर मियर लक गए अं दे लिटटललदललकु सर गससयव सलवार सिर लपियद लय सयकन्यकदधदयपदधथपिकापदतिकाननिवदाषधयदन के कुरुखित्र में जब दोनों भोर की. सनाएं पहुंच गई और युद्ध आगस्प दो गया | तब युद्ध में पहुंच कर बहां का हरपएक समाष्यार ठीक र भर पूरा २ ठाने के लिये धरृतराष्ट्र ने सब्जय को नियुक्त किया । सच्जय दोनों दलां से पूरे २ ठीक समाचार ला कर धरूतराष्टू की सुनाता था। उस समय शतराष्ट् और खब्ज॑य में जो बात चीत भार प्रश्नोशर होते थे काबे ने युरू का बन उन्दी की ब।त चीत के रूप में उयों का त्यों दिय्बखछाया है ।




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