जंगल के जीव | Jungle Ke Jeev
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
862.47 MB
कुल पष्ठ :
274
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[कर
शेर : दाक्तिपुंजके लिए देदरादून और ऋषीकेशके आस-पासके जंगलोंकौ
खाक छाननी पढ़ी ।
'हायी :. समझदार” भी ऋषीकेश और देहरादूनके जंगलॉकी
देन है ।
“जंगली सूअर : सूरमा' कटियारी रियासत ( हरदोई , मैंनपुरी और
शागरे जिलोंकी घूमचाम और शिकार खेलनेका नतीजा है ।
“बया : अदूभुत'के बारेमें एक बात विशेष तौरसे लिखनी दै। बयाके
घारेमें एक अंगरेजी पुस्तक [)फ४6९]।टा5 1 (0९ उप? में एक
ढेख था। पहले कुछ पैराओंको छोढ़कर वया सम्बन्धी स्कैच उसी
लेखपर आधारित है। पर वर्षाके आगमनका वर्णन लेखकका अपना
निजी है ।
“सियार : सयाना' तो दर गाँव और बस्तीके पास रहता है ।. प्रकृतिकी
म्यूनिस्पैठिटीका वद॒ एक. आवश्यक प्राणी है । सियारके चातुर्य
पाठकॉंको आइचये होगा ।. पर उसपर तो कोई बहुत बढ़ी पुस्तक लिख
सकता है ।
“जंगली मु : छेल छबीला' वास्तवनें कैला द्वोता है । गढ़वालकी मधुर-
स्पृतियोंमें लेखक उसे भूल नहीं सकता ।. टिद्रीके आस-पास जंगली
मुम-कुकड़े-की खातिर उसके स्वभाव जाननेके लिए लेखक नालों और
झाझ़्योंमें वैठा है और वे गढवालकी प्राकृतिक छटाके सानिध्यने लेखकको
उनसे मैंत्री करनेको प्रेरित किया ।
लेखकने अपने बैंगाठी और गुजराती मित्रोंसे पूछा कि कया इस प्रकार
का सादित्य--जंगली जानवरोंके जीवन स्कैच उन भाषाओऑ्मे दे । मित्रोंचे
User Reviews
ईपुस्तकालय
at 2019-10-18 17:51:53Gopal
at 2019-10-18 11:56:15"Showing the Writer Photo in Site is Wrong."