शब्द विज्ञान | Shabda Vigyan

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Shabda Vigyan by डॉ. भोलानाथ तिवारी - Dr. Bholanath Tiwari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शब्द / 17 हुरण के लिए हिंदी की ही वात ले तो 1900 स अब तक हमारे व्याकरणिक नियमों मे कोई बहुत परिवतन नही हुआ है किंतु हमारे शब्दसमूह मे बहुत परिवततन हुआ है भौर होता जा रहा है । एवं ओर तो जरवी फारसी भप्रेजी सस्कृत तथा अपनी वोलियो से शब्द लेकर हमन उसम असूतपूव वृद्धि की है तो ुसरी ओर नई सकल्पनाआ के लिए नए शब्दों का निमाण करक॑ हमने उस चढ़ाया है। इस तरह शब्त्समूह भाषा का नित विवद्धमान अग है ता व्याकरण के नियम प्राय अविवद्धमान 1 शब्द की प्रमुख विशेषताएँ निम्नाकित हैं (क) भाषा में वाक्य होते है जौर वाक्य शब्ता से बनत हैं इस तरह श द भापा की एक इकाई है । (ख) प्रत्यक शद का कोई न कोइ अथ होता है । (ग) भाषा के वाक्य रपवाक्य पदवध पद शब्द जादि इकाइया से शरद लघुत्तम हाता है । (घ) शब्द भाषा वी स्वतत्र इकाई हाता है। उपसग या प्रत्यय की तरह उसके लिए किसी के साथ जुड़ कर आना आवश्यक नहीं । उपर्युक्त विशेषताआ के आधार पर शब्द वी परिभाषा कुछ दम प्रवार दी जा सकती है-- भाषा की साथव लघुतम और स्वत इकाई वो शब्द कहते है। इस परिभाषा में निम्नाक्ति बातें ध्यान देने वी है-- (क) शब्दा का अथ होता है अत वे साथक होते है। यदि गहराइ स ददखें तो यह साथकता भी मूलत दो प्रकार की हाती है. विचारपरक औौर प्रकाय- परक (फ्वशनल) । विचारपरक साथकता वहाँ होती है जहा शब्त वा कोई स्पष्ट अथ होता है। उदाहरण के लिए मोहन धर जा रहा है म जा वी साथकता विचारपरक है। उससे राम के एक स्थान से दूमरे स्थान पर जान का विचार व्यवत किया गया है । इसके विपरीत मोहन से यह वात वही जा सवनी है वाक्य में जा. बी स्थिति वह नहीं है। जा यहाँ साधक तो है कितु उसकी साथवता बिचारपरक नही है क्यावि यहाँ जाने का भाव या विचार नही ह। तरंवत यह जा क्मवाच्य का च्यातक है इस प्रवार यह प्रकायपरव है। एन ही मैं वहा जाता हूं का जा विचारपरव है या मुयस बोला नहीं जाता मे जा मप्रकायपरव नहीं है। यह जा भाववाच्य का प्रवाय (फक्शन) कर रहा है । (ख) ऊपर शरद के साथक होने वी वात कही गई है कितु साथक ता वाक्य उपवाक्य पदयघ तया पद भी हाति हैं । अब प्रश्न यह उठता है वि जव य सभी साथ हाते हैं ता शब्द का अया स बस बलगाएँ। इसके लिए हम कहना पड़ता है कि घब्ट संघुत्तम होते है । अर्थात वावय उपदाक्प परवदघ पद तथा शद मे सबसे छोटे शब्द ही होत हैं । उदाहरण व लिए माहन के भाइ का मिष् मिला था वावय मे माई एन शब्द है । इस शब्द स वडा भाई वा पद या स्प




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