वृहत् पर्यायवाची कोश | Vrahat Paryayvachi Kosh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.09 MB
कुल पष्ठ :
598
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)क्र
१ पर्प-मात दौन परम पंप मजहुग
मत संप्रशम ।
थे बामिक--पर्मेसरपी... पर्माबारी
घर्मानुयापी मज्हुदी. सांप्रदायिक
मानी ।
१ हुए प्रधान धर्म--ईसाई जैत पारणी
बौड मुमहमात पूरी मिकण िए्दू ।
के हिसू--मार्य वैदिक हिपुस्तानी।
५. शिव पर्म के प्रपान शंप्रयाप--माएं
समाज चार्ाइ शाप पैप्णन, पाकत
एंग।
भू के. शायतमाज--पैदिऋ पप सयानदी
चर्म लगाज।
६. लाइडि--जगौएयरदारी.. शास्ठिग
निरौदररदारी ।
के. बप्यद--पा गत जिप्द्ापर
ग्बाएँ।
«८. ईप्पद धर्म की दो इएपाऐं--यम
इररा हुए दा अतुरेज एप ॥
९. टाइन--पशिपूरष शाइत ।
१. हैद--दिक्यूरष शियाहदी ।
है१ संद चर्म बौ ४ पायाएँं--शरारि
बाराबण रुयुरर एव 1
११ जा. चई. (एुआदस)-पतपुस्र
शाज (गियर अब अेपपरल पुर शुग
कुछ
पुम्य झत्कर्म सदाचार, सबाब पुर्क्म
सुद्त ।
दिशेष--ईमान, सदद्ष भौर मठ सम्पा
ह्मढ़ पर्म के लिए प्रपुस्त होते हैं जैये
हिंदू पम मा दंग सजग ।
बिलोम--दे* 'पाय ।
१ धर्माईडर--अंपगिगराम आत्गर,
डॉय पार पौपडीला पौपाषी ।
१३ पर्मप्रीरू (पपार्य]--परमी पर्म
प्रहति पर्मप्रिप धर्पमता धर्मात्मा
पर्मपुरौष पर्मी पारमिक दुष्यालाक
मददाधारी शुरर्सी सुएती ।
४ घर्मगौएं (पात्तदी )--पविगराणी,
शाइंडरी दपी पर्मप्यजी, पोपपयी ।
५ पर्म करना--आपरण मै रहना
ईमान बर्तता राग्ते धर बसजा । पर्म'
के दर्पारा में करना लोड गर थीए
शी पर्दोर बनाद जा गये दे ।
६. बर्जाप्दटघ--धपतपात्क ।
७. बढिति--जगु थादाएँं बडिराद
करो बह्ए . अडिर शा
हनी हंएंन में हूर्एरी शोइड
चऔौजायू आर इज शु् धर्नतों
केजाईी दिए दिस दिया
सारदइ सर सजाने सर शुर, रे
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