वृहत् पर्यायवाची कोश | Vrahat Paryayvachi Kosh

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Vrahat Paryayvachi Kosh by डॉ. भोलानाथ तिवारी - Dr. Bholanath Tiwari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्र १ पर्प-मात दौन परम पंप मजहुग मत संप्रशम । थे बामिक--पर्मेसरपी... पर्माबारी घर्मानुयापी मज्हुदी. सांप्रदायिक मानी । १ हुए प्रधान धर्म--ईसाई जैत पारणी बौड मुमहमात पूरी मिकण िए्दू । के हिसू--मार्य वैदिक हिपुस्तानी। ५. शिव पर्म के प्रपान शंप्रयाप--माएं समाज चार्ाइ शाप पैप्णन, पाकत एंग। भू के. शायतमाज--पैदिऋ पप सयानदी चर्म लगाज। ६. लाइडि--जगौएयरदारी.. शास्ठिग निरौदररदारी । के. बप्यद--पा गत जिप्द्ापर ग्बाएँ। «८. ईप्पद धर्म की दो इएपाऐं--यम इररा हुए दा अतुरेज एप ॥ ९. टाइन--पशिपूरष शाइत । १. हैद--दिक्यूरष शियाहदी । है१ संद चर्म बौ ४ पायाएँं--शरारि बाराबण रुयुरर एव 1 ११ जा. चई. (एुआदस)-पतपुस्र शाज (गियर अब अेपपरल पुर शुग कुछ पुम्य झत्कर्म सदाचार, सबाब पुर्क्म सुद्त । दिशेष--ईमान, सदद्ष भौर मठ सम्पा ह्मढ़ पर्म के लिए प्रपुस्त होते हैं जैये हिंदू पम मा दंग सजग । बिलोम--दे* 'पाय । १ धर्माईडर--अंपगिगराम आत्गर, डॉय पार पौपडीला पौपाषी । १३ पर्मप्रीरू (पपार्य]--परमी पर्म प्रहति पर्मप्रिप धर्पमता धर्मात्मा पर्मपुरौष पर्मी पारमिक दुष्यालाक मददाधारी शुरर्सी सुएती । ४ घर्मगौएं (पात्तदी )--पविगराणी, शाइंडरी दपी पर्मप्यजी, पोपपयी । ५ पर्म करना--आपरण मै रहना ईमान बर्तता राग्ते धर बसजा । पर्म' के दर्पारा में करना लोड गर थीए शी पर्दोर बनाद जा गये दे । ६. बर्जाप्दटघ--धपतपात्क । ७. बढिति--जगु थादाएँं बडिराद करो बह्ए . अडिर शा हनी हंएंन में हूर्एरी शोइड चऔौजायू आर इज शु् धर्नतों केजाईी दिए दिस दिया सारदइ सर सजाने सर शुर, रे




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