महात्मा गोखले | Mahatma Gokhale
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चेलनी कमीशन में साक्षी शक
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बेलबो कमीशन में साक्षी
सन् १८६७ में भौरतयर्ष के बुद्ध और पूज्य भ्रीयुत दादा
भाई नोरीजी के प्रयक्ष से घिलायत में बेलवी कमीशन बेटा ।
इस कमीशन का उद्दे श्य भारत सरकार के खर्च की ज्ाच ओर
डस म॑ उचित फेर फार करना थां। इस कमोशन के प्रमुख
लार्ड चेलवी थे । इसी से इस कमीशन, का नाम घेलची कमी-
शन पडा । इसी कमीशन में भारतवर्ष के मुख्य मुण्य
ब्यक्तिओं को छात्ली दैने के लिये निमन््त्रण आया था । बस्चई
प्रान्त से खर्गीय जस्टिस रानांडे महोदय इस कमीशन में
साक्षी देत फे लिये जानेवाले थे। पर इस वेशका यह्द
दुर्भाग्य है कि यदाँ सरकारी कर्मचारी किसी बिपय में सरकार
के विरुद्ध अपना मत खुल्लमखुल्ला प्रकट नद्दी फर सकते हे ।
उस समय लाउ एलगिन भारतबर्भ के वड़े लाट ये उनकी
गवरनमेन्द ने यह उचित नही समझा कि रानाडे सरकार के
कर्मचारी होते हुए भारत शासन की आलोचना करें। इस
लिये उन्होंने अपने स्थान में मिस्टर गोसले को भेजा । कमीशन
में साक्ती देने # लिये गोकले महोदय ने खगातार छू महीने
अर्थशास्त्र फा अध्ययन फिया ओर मिस्टर रानाडे ने उनको
साक्षी देने के लिये तेयार किया। मिस्टर गोसले फे अतिरिक्त
मिस्टर वाचा भी श्रम्बई से इस कमी शन में साक्षी देने गये थे ।
मिस्टर चाच!भी अर्थशास्त्र फे अच्छे पणिडत थे और थे मिस्टर:
गोखले से बीस, बाइस घर्ष अवस्था में बडे थे। उस समय
मिस्टर मोसले ३१ वर्ष के थे, परन्तु उन्होंने इस छोटी सी
प्रश्न मेंद्दी चद्दा प८ जैसी साक्षी-द्री थी, उस से उनकी
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