इशोपनिषत विज्ञानभाष्य | Ishopanishat Vigyan Bhashya

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Ishopanishat Vigyan Bhashya  by मोतीलाल शर्म्मा - Motilal Sharmma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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: प्रोहतात्माधिकरण--२ ४ श्रव्यक्तात्मापिकरण मे २१५ से अन्यसमाप्तिपयन्‍्त ” ' | ,, चंतृष्पादजह्न का निरूपण प्राहवात्माधिकरंण में--.,.|___ शाप अन्यक्तात्माधिकरण + ! “उणादुवब्यनिस्पण-मैं>-.- डक + न मर 22 विपयोपकेम॑. अमतात्मसेस्थाधिकार हमे ओ। जन ८ पर पपन्त | २८३१--रप्न्द पयन्त मर ' पर (7 अम्रतातसंस्थाधिकार में- १---म्राक््तास्माभिकरणोपक्रम २३४ ४० पंरोपनिरक्ति अब २---प्रकृति की भम्यक्त-स्पह्मगजा २९७ वि बेंशेपनिसुक्ति हा ३---सरुप भौर पहति का भमेट.. ५, २४४४५०-२५० परत २---मप्राषामिकों क्य विरोध ञ बिपय 1 ० हू रटस्ल्पा श-जजिश्व के चार विद । २१८ | १--.थय्ृतशब्द निरवेचम जे ६-.अमृतसजा (उह्प ) गे २---मूझामार गृतसत्या ही. ७--अप्तैसा ( प्रकृति प ४७. ४---पदार्भों के विशेषभाव न ४८---शुक्रस॒स्पा ( विषृपति ) » | २---सामाम्य-विशेष म्यय की +े ९---विश्वस॒स्था ( विका# ) % हे ध्याप्रकता ः जश्म (०---जाे सत्पाणों वर भैमेद'। ५, ४---पस्मसाग्रस्यपर्रेममिशेष २९७ १९--धगकक्तिदोफशन -य7 7७ शहर व भश्तवलयु के देशन स्श्८ १०--दोप कया परिहार 5 ४ #'. 6 ७--भपस्रसंष्या में विशेषभाद 7 _न्प्श्र १६--भाप्पसम्क्ध में क्षोकरत्ि २४० | ८+---मेदमूलक शिशेष॒मोब : च्त् घ १५७ १५--सिंदाक्शोब्ल ..- #..| *---भमेदमूसकर्मिकोपमज सर्द १४--उपसेंहार २४२ १०--बिद्यातीत निर्विशेष क




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