घरेलू शिक्षा तथा पाक शास्त्र | Gharelu Shiksha Tatha Pak Shastr
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बन्चों की शिक्षा श्७
इस प्रकार की यातें सभी देशों में किसी न किसी रूप में
पायी जाती हैं| और उन पर लोग विश्वास भी करते हैं । बहुत
पुराने जमाने से ये बातें चली आरही हैं । हमारा तो विश्वास
यह है कि इन बातो के निर्णय करने मे पुराने जमाने से बडे-बडे
विद्वानों ने अपने दिमाग से काम लिया होगा। और उनके
परिश्रम से जो निर्णय हुआ होगा; उसका अनुभव ससार से
अब तक जीौता-जागता चल रहा है। यह हो सकता है कि उस
समय जो श्नुभव किये गये हो, उनके समभने और चूमने में
इतने समय के बाद आज गलती की जारही हो। इसलिए
उनके अनुभव बिल्कुल ठीक-ठीक न निकलते हों । नहीं तो उनमे
बहुत कुछ सत्य ही होना चाहिए।
बच्चों का रोना--छोटें बच्चों के रोने से माताओं को घब-
गाना ने चाहिए । प्राय बच्चे बिना किसी कारण के ही रोना
कर देते हैं ओर चडी देर तक रोया करते हैं। बन््चे के
रोने से माता यहो सममती है कि वह भरा है, ऐसी दशा में
जब बन्चा रोता है, तब वह दूध पिलाने लगती हैं। ऐसा करना
उनकी बहुत बड़ी भूल है ।
चन्चा केवल भूस से ही हमेशा नहीं रोता । 'वह कभी ऊभी
अकारण ही रैने लगता है। ऐसी दशा में उसके रोने से
बफका बच. 8 €हार॑दें सह गााटॉस्ारद 80 6. ॥३९०7४०,
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