महाबंधों | Mahaabandho

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Mahaabandho  by फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri

Add Infomation AboutPhoolchandra Sidhdant Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
स्व० पृण्यछ्ोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तिग्रसादजी द्वारा संस्थापित [6] [&»] घ्कः (५७०५ 6६ स्ए न सारतास इताचफूएछ (४ तदुकाः जुना-पआ्न्थ मा ला $0७0७00७726:7/6006(77%:7600 0.७0७(2७-)5 ; प्राकृत ग्रन्थाडु ६ ४#(0७()७९)०८0000 0606७ 2.0 0७:2७ (७७८)७८:७ पन्‍्यृन्देस्द पन्लु-दूनदुर एन्दून्टून्देन 4० दर्टुर टन देर त+दुन्‍्क ८००१५००० पेन्‍दूतक ना मन्दनकू तृर कन्‍्दन्दन्क वन दन्‍्टैनद: दून्‍्दून्‍्टनद- बन्दून्नूल्‍क दन्ट+2न्के पेन्‍्व+पनक के 4्4न्‍्क कवर्स वे इस प्रन्धमालामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नडढ, तामिऊ आदि प्राचीन भाषाओंमें उपलब्ध भागमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक आदि विविध-विपयक जैन साहित्यका भज्ुसन्‍्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूरू और यथासम्भव अजजवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा। जैन भण्ठारोंकी सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-प्रस्थ और छोकहितकारी जैन-साहित्य अन्ध भी इसी अन्थमालामे प्रकाशित होंगे.।' 2] ५, /* अपून्पूंस्कें दल दूंनटुनटु बुस्मु+मूए कु 2०२०० २० देल्ट+्टूल्‍दुर दुन्दूनवुन्क दुन्डूर्टसटुर दूर टू कु दुन्टर देन टन कु्टुन्की टुन्दु सुन दा चन्दन दन्दूत पृ ० दूनक ईन्‍्दूनतृनकू तु दूं दुन्‍्द के कु कपूर ग्न्थमाल्य सम्पादक है. डॉ० हीरालाल जैन, एम० ए०, डी० लिट्‌ ० डॉ० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय, एम० ए०, डी० लिट्‌० डर प्रकाशक अयोध्याप्रसाद गोयलीय मन्‍्त्री, भारतीय श्ञानपीठ डुर्गाकुण्ड रोड़, बनारस विक्रम सृं० २००० 1८ फरवरी सत्र १९४० « स्थापनाब्द फाब्णुन कृष्ण ९ | सर्वाधिकार सुरक्षित चीर नि० २४७०




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now