चिकित्सातत्व | Chikitsatatv
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
632
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चिकित्सातत्व । (१७)
जातेह | दातुन फरना सबको फायदा करताह विशेषकर दातकों
जिनके मधूडें शिथिल पडगयेहे भोर सदजही उनसे रक्त
गिरनेलगतादे उनको आवदइयक दे 1
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॥ बहुतसे 'साफ जरूके बिना जीवन रक्षा नहीं होसक्ती ।
1 । ४. खच्छ जलके भभावसे ही भाजकाल देज़ा
पीनेकापानों स्वच्छ
है आदि बहुतसें सक्रामक रोगोका इतना
होना चाहिये
प्रादुभीव दीसपडताहै, कदददेनां होगा फ्रि
घगाल़ देश में फोई अच्छा तालावतो हे ही ' नहीं
और पुराने समयके जितने तालावह सब सूखगयेदे 1 भीर जो
हैं चहमी इतने मैके दोगयेह कि उनका जरू पीनेयालॉकों
अचदय रोग उत्पन्न करताहँे । यदि नदीका पार्नी मिस
सके तो वह सबसे अच्छा्ट। यद्यपि बी ऋतुम नदीफा जरू
मेला दधोजातादे किन्तु साफ करनेस धह असानोसे साफ
इजाताह | पश्चिम प्रदशका चरफें कुए रा पाना व्यवहार
फियाजाताह ! जिस तारढावमें लोग ध्वान करतेहर और
फपड धोतेहा उसका जछ कभी न पीना चाहियें | जिस
ताल्रल्ाबवका जरूू पानेके कामम आताहा उसमें खान करना
और कपडेधोना च्जितह । जिस जगह ताकाघका खच्छ
पानो न मेलसक वहा कण का पाना व्यवहार करना चाहिये 1
(अषवां पांनी फो' खूघब खोलाकर आर याद रेत और कोयले
धारा हक करलेना चांहिये। इस नियमपर शल्मेसे और
सावधाम _ रहनेस देपागयादे वि सब छोग' मेलेरिया और
देजेफे मध्यम रहते हुइमी रोगगत्त नद्ोंह्ति। 7 हे
गा हक
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