चिकित्सातत्व | Chikitsatatv

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Book Image : चिकित्सातत्व  - Chikitsatatv

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चिकित्सातत्व । (१७) जातेह | दातुन फरना सबको फायदा करताह विशेषकर दातकों जिनके मधूडें शिथिल पडगयेहे भोर सदजही उनसे रक्त गिरनेलगतादे उनको आवदइयक दे 1 -्।, [५] जज्ष+-+ ॥ बहुतसे 'साफ जरूके बिना जीवन रक्षा नहीं होसक्ती । 1 । ४. खच्छ जलके भभावसे ही भाजकाल देज़ा पीनेकापानों स्वच्छ है आदि बहुतसें सक्रामक रोगोका इतना होना चाहिये प्रादुभीव दीसपडताहै, कदददेनां होगा फ्रि घगाल़ देश में फोई अच्छा तालावतो हे ही ' नहीं और पुराने समयके जितने तालावह सब सूखगयेदे 1 भीर जो हैं चहमी इतने मैके दोगयेह कि उनका जरू पीनेयालॉकों अचदय रोग उत्पन्न करताहँे । यदि नदीका पार्नी मिस सके तो वह सबसे अच्छा्ट। यद्यपि बी ऋतुम नदीफा जरू मेला दधोजातादे किन्तु साफ करनेस धह असानोसे साफ इजाताह | पश्चिम प्रदशका चरफें कुए रा पाना व्यवहार फियाजाताह ! जिस तारढावमें लोग ध्वान करतेहर और फपड धोतेहा उसका जछ कभी न पीना चाहियें | जिस ताल्‍रल्‍ाबवका जरूू पानेके कामम आताहा उसमें खान करना और कपडेधोना च्जितह । जिस जगह ताकाघका खच्छ पानो न मेलसक वहा कण का पाना व्यवहार करना चाहिये 1 (अषवां पांनी फो' खूघब खोलाकर आर याद रेत और कोयले धारा हक करलेना चांहिये। इस नियमपर शल्मेसे और सावधाम _ रहनेस देपागयादे वि सब छोग' मेलेरिया और देजेफे मध्यम रहते हुइमी रोगगत्त नद्ोंह्ति। 7 हे गा हक




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