जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश भाग 4 | Jainendra Sidhant Kosh Bhag 4
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
36 MB
कुल पष्ठ :
554
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्व० पृण्यश्लोका माता मूर्तिंदेवीकी पवित्र स्मतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा
ऊ
संस्थापित
मारतीय ज्ञानपीठ मूतिदेवी जैन ग्रन्थमाला
इस ग्रन्थमाछाके अन्तगत प्राकृत, सस्कृत, अपन्नंश, हिन्दी, कन्नढ़, तमिल आदि प्राचीन मापाओमें
उपलब्ध आगमिक, दाशनिऊ, पौराणिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक आदि विविध-विपयक
जैन-साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन तथा उसका मूल और यथासम्मच
अनुवाद भादिके साथ प्रकाशन हो रहा द्ै 1 जैन भण्दारोंकी
सूचियों, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-
अन्थ और छोकहितकारी जैन-साहित्य अन्य भी
इसी भन्थमालछामें प्रकाशित हो रहे हैं ।
ग्रन्यमाला सम्पादक
डॉ. हीराछाल जैन, एम. ए., डी, लिदि्,
डॉ, का, ने, उपाध्ये, एम, ए., डी. लिट,
प्रकाशक
भारतीय ज्ञानपीठ
प्रधान कार्याक्य : थी|४५-४७, कनॉट प्टेस, नयी दिल्ली-३१०००१३
प्रकाशन कार्यालय . दुर्गाकुष्ड मारे, वाराणसी-२२१००७
शुद्रक : सन्मति मुद्रणारूय, दुर्गाकुण्ड भार्ग, चाराणसी-२२१० ०५
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रा सं० २००० ७ १८ फरवरी, १९४४
सर्वाधिकार सुरक्षित
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